शतरंज प्रतियोगिता 14, 17 और 19 वर्ष आयु बालक-बालिका वर्ग में आयोजित की थी। इनमें से दो आयु वर्गों में इंदौर के खिलाड़ी पहले स्थान पर रहे। जबकि खो-खो के 17 वर्ष बालक और बालिका दोनों वर्गों में इंदौर संभाग की टीम ने प्रथम स्थान हासिल किया है। शतरंज के कई वर्गों में भोपाल संभाग के भी पांच खिलाड़ियों ने भी प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल किया है।
निराश हाेने की जगह समीक्षा करें
समापन समारोह को संबोधित करते हुए सीइओ जिला पंचायत सृष्टि देशमुख ने कहा कि हारने वाले खिलाड़ी निराश न हों। वे हार के कारणों की समीक्षा करें, जिससे आने वाली प्रतियोगिताओं में पूरे जोश से खेलें और जीत हासिल कर सकें। जिला पंचायत अध्यक्ष गंगाराम मार्को ने कहा कि हार और जीत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। हार से हमें सीखना चाहिए। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी, सहायक संचालक रवींद्र महाजन, खेल अधिकारी गोपाल चौधरी ने भी अपनी बात रखी।
ये रहे विजेता खिलाड़ी
शतरंज प्रतियोगिता के 14 वर्ष आयु के बालक वर्ग में रीवा के सक्षम अग्रवाल प्रथम, भोपाल के दीर्घ श्रीवास्तव और नर्मदापुरम के हर्ष माहेश्वरी तीसरे स्थान पर रहे। इसी आयु के बालिका वर्ग में भोपाल की कनिष्का चौधरी प्रथम, इंदौर की नायशा जैन द्वितीय और उज्जैन की स्वरा सूर्या तीसरे स्थान पर रहीं।
सत्रह वर्ष आयु के बालक वर्ग में इंदौर के सुजाय जैन प्रथम, भोपाल के काव्य जैन द्वितीय और उज्जैन के हितांश हरभजन तीसरे स्थान पर रहे। बालिका वर्ग में इंदौर की अविका पंवार प्रथम, इंदौर की आद्या जमीदार द्वतीय और भोपाल की इरा शर्मा तीसरे स्थान पर रहीं।
19 वर्ष के बालक वर्ग में इंदौर के हर्ष मित्तल प्रथम, ग्वालियर के राम शर्मा द्वितीय और जबलपुर के वैभव नीमा तीसरे स्थान पर रहे। बालिका वर्ग में नर्मदापुरम की मुस्कान पवार प्रथम, रीवा की भूमिका देशमुख द्वितीय और भोपाल की श्रुति राठी तीसरे स्थान पर रहीं।
खो-खो प्रतियोगिता के 17 वर्ष के बालक वर्ग में इंदौर संभाग प्रथम, आदिवासी विकास द्वितीय और भोपाल संभाग की टीम तीसरे स्थान पर रही। बालिका वर्ग में भी इंदौर संभाग प्रथम, जबलपुर द्वितीय और उज्जैन संभाग को तीसरा स्थान मिला है।
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