इंदौर। मंदसौर गोलीकांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका में अगली सुनवाई अगस्त के अंतिम सप्ताह में होगी। कोर्ट ने याचिका को यह स्वतंत्रता दी है कि वे अपने प्रतिउत्तर के साथ इन दस्तावेजों को प्रस्तुत कर सकते हैं।
हाई कोर्ट में यह मांग पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने दायर की है। इसमें मांग की गई है कि मामले की जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए ताकि आमजन को यह पता चल सके कि आखिर मंदसौर गोलीकांड के लिए कौन जिम्मेदार था।
यह है मामला
किसान आंदोलन के दौरान 6 जून 2017 को मंदसौर में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा गोली चलाने से 5 किसानों की मृत्यु हो गई थी। बाद में सरकार ने मृतक किसानों के स्वजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में देने की घोषणा भी की थी। प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका था जब राज्य सरकार ने किसी हादसे में मारे जाने व्यक्ति के स्वजन के लिए इतनी बड़ी मदद की।
शासन ने मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जेके जैन की अध्यक्षता में “जैन आयोग” भी गठित किया था। आयोग ने 13 जून 2018 को अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी, लेकिन यह अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए ही हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई है।
इसके पहले भी दायर हुई थी जनहित याचिका
इसके पहले भी पूर्व विधायक ने इसी मुद्दे को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। उसमें भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की गई थी। सरकार ने उस जनहित याचिका में आश्वासन दिया था कि रिपोर्ट मिलते ही उसे तुरंत विधानसभा पटल पर रख दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार कोर्ट में दिया आश्वासन ही भूल गई। इस पर सकलेचा ने दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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