इंदौर। पिपलियापाला में बन रही जिला न्यायालय की नई इमारत में चैंबर के लिए आवेदन करने वाले अधिवक्ताओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए बनने वाली पांच सदस्यीय समिति के सदस्यों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इंदौर अभिभाषक संघ के सचिव को पत्र लिखकर सभी आवेदकों के मोबाइल नंबर देने को कहा है ताकि उन्हें समय-समय पर चयन प्रक्रिया की जानकारी दी जा सके।
इधर, अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश से वर्ष 2018 के बाद इंदौर अभिभाषक संघ के सदस्य बने वकीलों को चैंबर के लिए आवेदन करने का मौका दिए जाने की मांग की है। इन वकीलों का कहना है कि चैंबर के लिए आवेदन वर्ष 2017 में बुलवाए गए थे। जिन अधिवक्ताओं ने इसके बाद संघ की सदस्यता ली है उन्हें तो प्रक्रिया में भाग लेने का मौका ही नहीं मिला। उन्हें मौका दिया जाए।
जिला न्यायालय की नई इमारत में वकीलों के चैंबर के लिए वर्ष 2017 में आवेदन बुलवाए गए थे। इंदौर अभिभाषक संघ के 1515 सदस्यों ने आवेदन किया था। आवेदकों को आवेदन के साथ 10 हजार रुपये का डीडी भी जमा कराना था। इस तरह से डेढ करोड़ रुपये से ज्यादा रकम वकील जमा करा चुके हैं। हालांकि इसके बाद कभी कोरोना महामारी की वजह से तो कभी कंपनी के काम बंद करने की वजह से जिला न्यायालय की नई इमारत का निर्माण अटकता रहा।
हाल ही में वकीलों ने इस मुद्दे को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष उठाया था। उनका कहना है कि वकीलों को पैसा दिए पांच वर्ष से अधिक समय बीत चुका है। नई इमारत में चैंबर कहां होंगे, कैसे होंगे, आवंटन के लिए क्या प्रक्रिया होगी, इसकी कोई जानकारी वकीलों को नहीं दी जा रही है। इस पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने वकीलों से कहा था कि वे पांच सदस्यीय समिति गठित कर लें ताकि आवेदन करने वाले 1515 वकीलों की बात रखी जा सके। इसी समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई है।
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