भोपाल। सेंट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक की बैरसिया शाखा में 50 ग्राहकों के करीब चार करोड़ रुपये हड़पने वाले दो बैंक अधिकारी मनोज बाथम और प्रदीप बोरकर को 10-10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है।
इनमें से दोषी मनोज बाथम को 80 हजार रुपये व प्रदीप बोरकर को 20 हजार रुपये अर्थ दंड से भी दंडित किया है। यह निर्णय पंचम अपर सत्र न्यायाधीश विनय कुमार भारद्वाज की कोर्ट ने बुधवार को सुनाया है। इन दोषियों ने वर्ष 2013 में ग्राहकों के रुपये हड़पे थे।
इस मामले की शिकायत संबंधित ग्राहकों ने बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से की थी। जांच में पाया था कि इन्होंने गड़बड़ी की है जिसके बाद बैंक की ओर से दोनों के खिलाफ बैरसिया थाने में अपराध दर्ज कराया गया था।
यह है मामला
- मनोज बाथम बैंक शाखा में कैशियर था। कोर्ट ने पाया कि उसने 40 ग्राहकों के रुपये तो लिए, लेकिन बैंक के खजाने में जमा करने की बजाय स्वयं उपयोग कर लिया। कोर्ट ने प्रति खाते के हिसाब से दो हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है। यह राशि 40 ग्राहकों के हिसाब से 80 हजार रुपये होती है।
- प्रदीप बोरकर वर्ग एक श्रेणी का अधिकारी था। साथ ही वह काउंटर पर नगदी लेन-देन का काम भी करता था। कोर्ट ने पाया कि इसने 10 ग्राहकों द्वारा जो राशि बैंक को अपने खाते में जमा करने के लिए दी थी, वह राशि जमा न करते हुए स्वयं उपयोग कर ली। कोर्ट ने प्रति खाता के अनुरूप दोषी को दो हजार रुपये प्रति खाता अर्थ दंड से दंडित किया है। यह राशि 20 हजार रुपये होती है।
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