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राजस्व, शिक्षा और कानून… बिहार में नीतीश कैबिनेट के इन मंत्रालयों में क्यों नहीं टिकते मंत्री?

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दिलीप जायसवाल बिहार बीजेपी के नए अध्यक्ष बनाए गए हैं. इस नियुक्ति के बाद उनका मंत्री पद से इस्तीफा तय माना जा रहा है. जायसवाल अभी नीतीश कैबिनेट में भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री हैं. जायसवाल का इस्तीफा अगर होता है, तो यह पहली बार होगा, जब विधानसभा के एक ही कार्यकाल में राजस्व विभाग में 4 मंत्री बदल जाएंगे. हालांकि, बिहार में राजस्व एकमात्र विभाग नहीं है, जहां मंत्री नहीं टिक पा रहे हैं.

नीतीश कैबिनेट के शिक्षा और गन्ना विभाग का भी यही हाल है. इन विभागों में भी नीतीश कुमार के रहते पिछले 4 साल में कई मंत्री बदले जा चुके हैं.

राजस्व मलाईदार मंत्रालय पर मंत्री उपेक्षित

बिहार में राजस्व विभाग को मलाईदार मंत्रालय के नाम से भी जाना जाता है. इस विभाग के जिम्मे सरकारी जमीनों का रखरखाव, भूमि मापन और सीमांकन है. भूमि सुधार का काम भी इसी विभाग के अधीन है. बिहार के सभी अंचलाधिकारी भी इसी विभाग के तहत काम करते हैं.

दिलचस्प बात है कि नीतीश सरकार के इस कार्यकाल में राजस्व मंत्री उपेक्षित ही रहे हैं. 2020 से अब तक इस विभाग में 4 मंत्री बन चुके हैं. 2020 से 2022 तक रामसूरत राय इस विभाग के मंत्री थे. नीतीश के पलटी मारने पर उनकी कुर्सी चली गई. 2022 में आरजेडी के दिग्गज नेता आलोक मेहता इस विभाग के मंत्री बनाए गए.

मेहता ने मंत्री बनते ही राज्य के कई अंचलाधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट जारी कर दी. इससे नाराज होकर नीतीश ने उनके फैसले पर ही रोक लगा दिया. यह विभाग इसके बाद ललित यादव के पास चली गई. नीतीश ने जब फिर पलटी मारी तो यह विभाग कुछ दिनों के लिए डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के पास थी. बाद में दिलीप जायसवाल को सौंपी गई.

मंत्री बनते ही जायसवाल ने इस विभाग में रिश्वतखोरी को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बिना घूस लिए यहां कोई काम नहीं हो रहा है.

शिक्षा विवादित विभाग, 4 साल में 5 मंत्री बदले

2020 के बाद से बिहार में शिक्षा सबसे विवादित विभाग बन गया है. पिछले 4 साल में इस विभाग में 5 मंत्री बदले जा चुके हैं. नीतीश कुमार 2020 में जब फिर से मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने शिक्षा विभाग की कमान मेवालाल चौधरी को सौंपी, लेकिन डिग्री विवाद में आने की वजह से चौधरी की कुर्सी चली गई.

यह विभाग इसके बाद विजय चौधरी को दिया गया, लेकिन 2022 में नीतीश कुमार के पलटी मारने की वजह से विभाग आरजेडी के खाते में चली गई. आरजेडी के चंद्रशेखर यादव इस विभाग के मंत्री बनाए गए. मंत्री बनने के बाद चंद्रशेखर खूब विवादों में आए, जिससे नाराज होकर नीतीश ने इसकी कमान आलोक मेहता को सौंप दी.

हालांकि, मेहता इस विभाग में ज्यादा दिन तक नहीं रह पाए. नीतीश के पलटी मारने की वजह से यह विभाग फिर से विजय चौधरी को मिल गई. बाद में चौधरी से लेकर यह विभाग सुनील कुमार को दे दी गई.

कानून भी बेहाल, यहां भी नहीं टिकते मंत्री

बिहार में कानून विभाग का भी हाल ठीक नहीं है. यहां भी मंत्री नहीं टिक पा रहे हैं. 2020 से अब तक इस विभाग में 5 मंत्री बन चुके हैं. 2020 में सरकार गठन के वक्त रामसूरत राय को इस विभाग की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन एक साल बाद ही उनसे यह विभाग लेकर प्रमोद कुमार को दे दिया गया.

2022 में नीतीश कुमार ने पलटी मारी तो विभाग की जिम्मेदारी कार्तिक कुमार को दी गई, लेकिन अदालत से वारंटी घोषित होने की वजह से यह विभाग उनसे लेकर शमीम अहमद को दे दी गई. वर्तमान में इस विभाग के मंत्री नितिन नवीन हैं.

मंत्रियों के लिए गन्ना विभाग पहेली बना

बिहार में गन्ना विभाग भी मंत्रियों के लिए पहेली बना हुआ है. पिछले 4 साल में सबसे ज्यादा 6 इसी विभाग के मंत्री बदले गए हैं. 2020 में नीतीश कुमार ने अमरेंद्र प्रताप सिंह को इस विभाग की कमान सौंपी थी. एक साल बाद उनसे लेकर यह विभाग प्रमोद कुमार को दे दिया गया.

नीतीश कुमार ने पलटी मारी तो यह विभाग शमीम अहमद को मिल गई. कुछ ही महीने शमीम इस विभाग में मंत्री रहे. इसके बाद आलोक मेहता को यह विभाग मिल गया. चंद्रशेखर को जब शिक्षा विभाग से हटाया गया तो उन्हें गन्ना विभाग की भेजा गया.

नीतीश बीजेपी के साथ आए तो यह विभाग डिप्टी सीएम विजय सिन्हा को मिली. वर्तमान में कृष्णनंदन पासवान इसके मंत्री हैं.

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