Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

कावंड़ यात्रा: दुकानदारों को नहीं लिखना होगा नाम, जारी रहेगा सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश

5

यूपी में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों, ढाबों और ठेलों पर नेम प्लेट लगाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड और एमपी सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है. उसके बाद इसके जवाब के लिए याचिकाकर्ता को एक हफ्ते का समय दिया गया है. इसे तीन सप्ताह बाद अगले सोमवार को सुनवाई की जाएगी. तब तक सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा.

दरअसल यूपी सरकार ने नेम प्लेट आदेश के खिलाफ दायर याचिका का विरोध किया था और अदालत से याचिकाओं को खारिज करने की अपील की थी. कांवड़ा यात्रा मार्ग में नेम प्लेट लगाने का आदेश सबसे पहले मुजफ्फरनगर से शुरू हुआ था, बाद में योगी सरकार ने यह नियम पूरे प्रदेश में लागू कर दिया था, जिसके बाद विपक्षी दलों ने इसका जमकर विरोध किया.

कोर्ट में योगी सरकार का जवाब

इससे पहले यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में अपनी दलीलों के समर्थन में कावंड़ मार्ग रूट के कुछ खाने पीने की दुकानों की तस्वीरें पेश की थी. मसलन राजा राम भोज फैमिली टूरिस्ट ढाबा के नाम से ढाबा चलाने वाले दुकानदार का नाम वसीम है. राजस्थानी खालसा ढाबे के मालिक का नाम फुरकान है. पंडित जी वैष्णो ढाबे के मालिक सनव्वर राठौड़ हैं.

सरकार का कहना है कि कावंड़ रूट पर खाने पीने को लेकर गलतफहमी पहले भी झगड़े और तनाव की वजह बनती रही है. ऐसी कोई अप्रिय स्थिति न बने, नंगे पैर पवित्र जल ले जा रहे करोड़ो कावंड़ियों की धार्मिक भावना गलती से भी आहत न हो इसलिए दुकान के बाहर नाम लिखने के निर्देश जारी किए गए थे. कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में योगी सरकार ने कहा कि कानून व्यवस्था के लिए एहतियाती कदम उठाया. अनुच्छेद 71 के तहत सौहार्द कायम रखने के लिए यह फैसला लिया गया.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.