दमोह। लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद जहां सरकार गठन की कार्रवाई प्रारंभ हो गई है। वही देखा जाये तो दमोह संसदीय क्षेत्र के 18 लोकसभा चुनाव में अब तक निर्वाचित हुए सभी सांसदों में राहुल सिह सबसे कम उम्र के सांसद बनने वाले पहले युवा सांसद है, जबकि सबसे अधिक उम्र का सांसद बनने का श्रेय डा. रामकृष्ण कुसमरिया को दिया जा सकता है। दमोह संसदीय क्षेत्र में तीन बार अलग-अलग जिलों को शामिल कर संसदीय क्षेत्र बनाया गया लेकिन इन तीनों संसदीय क्षेत्र में अभी तक निर्वाचित हुए 18 सांसदों में राहुल सिह लोधी एकमात्र ऐसे सांसद हैं जो 30 साल की उम्र में ही सांसद के पद पर निर्वाचित हुए।
अधिकतर 50 साल की उम्र के बाद ही निर्वाचित हुए
जितने भी सांसद दमोह संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए वह 50 साल की उम्र के बाद ही निर्वाचित हुए इसमें सहोदरा राय से लेकर प्रहलाद पटेल तक के बीच के जो भी सांसद रहे वह 50 वर्ष से ऊपर ही रहे। यहां पर यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 1962 में दमोह से कांग्रेस की सहोदरा राय सांसद निर्वाचित हुई थी। उसके बाद वर्ष 1967 में मनी भाई पटेल, 1971 में बसंत गिरी शंकर गिरी कांग्रेस सांसद के रूप में निर्वाचित हुए थे।
वर्ष 1977 में भारतीय लोक दल से नरेंद्र सिंह निर्वाचित हुए थे जबकि वर्ष 1980 में कांग्रेस के प्रभु नारायण टंडन, वर्ष 1984 में डालचंद जैन कांग्रेस से तथा वर्ष 1989 में भाजपा से लोकेंद्र सिंह दमोह संसदीय सीट से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वर्ष 1991, 1996, 1998 और 1999 में लगातार भाजपा से डा. रामकृष्ण कुशमारिया निर्वाचित हुए जबकि वर्ष 2004 में चंद्रभान सिह वर्ष 2009 में शिवराज सिंह लोधी एवं वर्ष 2013 व वर्ष 2019 में प्रह्लाद पटेल भाजपा से निर्वाचित हुए थे।
दमोह संसदीय क्षेत्र से इन 18 चुनाव में 11 जनप्रतिनिधि सांसद
अभी तक दमोह संसदीय क्षेत्र से इन 18 चुनाव में 11 जनप्रतिनिधि सांसद बनकर लोकसभा में गए हैं। इनमें डा. रामकृष्ण कुसमरिया दमोह संसदीय क्षेत्र से चार बार एवं प्रहलाद पटेल दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। लेकिन वर्तमान के 2024 के चुनाव में निर्वाचित भाजपा प्रत्याशी के रूप में सांसद राहुल सिह लोधी अभी तक के सबसे कम उम्र के सांसद होने का गौरव प्राप्त किया है।
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