हर बार लोकसभा चुनाव के दौरान हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल का क्रेज रहता ही है और यह कोई नई बात नहीं है. बड़े राजनीतिक पार्टी के नेताओं से लेकर इंडिपेंडेंट कैंडिडेट तक सभी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं. हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल जितना जरूरी है उतना ही इसको लेकर लोगों के बीच में क्रेज भी है. इस चुनाव में खासतौर से बड़े कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों ने जमकर हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया है. हेलिकॉप्टर के इस कदर इस्तेमाल की वजह से हेलिकॉप्टर ऑपरेटरों की जोरदार कमाई हो रही है.
हर बार लोकसभा चुनाव के दौरान हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल का क्रेज रहता ही है और यह कोई नई बात नहीं है. बड़े राजनीतिक पार्टी के नेताओं से लेकर इंडिपेंडेंट कैंडिडेट तक सभी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं. हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल जितना जरूरी है उतना ही इसको लेकर लोगों के बीच में क्रेज भी है. इस चुनाव में खासतौर से बड़े कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों ने जमकर हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया है. हेलिकॉप्टर के इस कदर इस्तेमाल की वजह से हेलिकॉप्टर ऑपरेटरों की जोरदार कमाई हो रही है.
चुनाव में हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल की दो बड़ी वजह हैं जिसमें से एक है रिमोट एरिया कनेक्टिविटी और दूसरी बड़ी वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोगों के बीच हेलिकॉप्टर को लेकर क्रेज है. ग्रामीण क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर ले जाने से काफी क्राउड पुलिंग हो जाती है और इसके लिए रैली ग्राउंड के पास हेलीपैड बनाया जाता है ताकि इसको देखने के लिए भीड़ भी आए. इस तरह हेलिकॉप्टर से डबल फायदा होता है.
350 से लेकर 400 करोड़ रुपये की हुई कमाई
हेलिकॉप्टर की डिमांड को देखते हुए रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया के कैप्टन उदय गैली से बातचीत की गई जिसमें उन्होंने बताया कि इस चुनावी सीजन में हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स ने लगभग 350 से लेकर 400 करोड़ रुपये कमाए हैं. ऑपरेटर्स की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है, जिसके चलते रेट 35 परसेंट से 40 परसेंट तक बढ़ गई है. आगे उन्होंने बताया कि हेलिकॉप्टर का किराया उनके निर्माण और मॉडल पर अलग-अलग होता है, जिसे प्रति घंटे के आधार पर दिया जाता है. किराया साझा करते हुए उन्होंने बताया कि बीईएल (BEL) 407 जैसे सिंगल इंजन वाले हेलिकॉप्टर का किराया अब 1.3-1.5 लाख रुपये प्रति घंटा है, इसमें 6-7 लोग बैठ सकते हैं. दूसरी ओर ऑगस्टा AW109 और H145 एयरबस जैसे डबल इंजन वाले हेलिकॉप्टर अब 2.3-3 लाख रुपये प्रति घंटे का किराया लेते हैं, इनमें 7-8 लोग बैठ सकते हैं. 15 सीटों वाला बड़ा अगस्ता वेस्टलैंड 4 लाख रुपये प्रति घंटे से शुरू होने वाली कीमत पर उपलब्ध है, यह अपनी स्थिरता और आराम के कारण वीवीआईपी (VVIP) की पहली पसंद है.
ऑपरेटर्स 40-50 फीसदी ज्यादा ले रहे फीस
कैप्टन उदय गेली ने टीवी9 से बातचीत में बताया कि चुनावों के दौरान हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स की मांग बहुत ज्यादा है, जिससे हेलिकॉप्टर ऑपरेटर रोजाना के किराये की तुलना में 40-50 फीसदी ज्यादा फीस ले रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में भी 20-30 फीसदी बढ़ाकर फीस लिया गया था. इस साल मांग बहुत ज्यादा रही है और राज्य स्तर पर पार्टियों से भी आ रही है, जबकि हेलिकॉप्टरों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है. बीजेपी और कांग्रेस जैसे बड़े दलों ने छह महीने पहले से बुकिंग करवाई थी. देश में तकरीबन 170 हेलिकॉप्टर्स है, इन्हें नॉन शेड्यूल ऑपरेशन की कैटेगरी में रखा जाता है. इस बार चुनाव में लगभग 45 हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया है. आम तौर पर इंडिपेंडेंट कैंडिडेट सिंगल इंजन वाले हेलिकॉप्टर इस्तेमाल कर रहे है, वहीं कैबिनेट मिनिस्टर चार्टर का इस्तेमाल करते हैं ताकि वो शाम तक दिल्ली लौट सकें.
बीजेपी ने उठाया सबसे ज्यादा फायदा
इस बार हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स ने guaranteed hours के नाम पर राजनीतिक दलों से 90 घंटे की एडवांस पेमेंट ली है, जिसका सबसे अच्छा इस्तेमाल बीजेपी ने किया है. जिसके चलते बीजेपी ने देश भर में चुनाव प्रचार के लिए 15 हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया है वहीं ममता बनर्जी की पार्टी ने इस का सही से इस्तेमाल नहीं किया, जिसकी वजह से चुनाव प्रचार के दैरान टीएमसी ने केवल 5 ही हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कर पायी है.
इस बार देश की तीन बड़ी हेलिकॉप्टर कंपनी पवन हंस, हेलिगो चार्टर और ग्लोबल वेक्ट्रा ने सबसे ज्यादा बिजनेस किया है. यह सभी कंपनियां चुनाव खत्म होने के बाद लॉग बुक चुनाव आयोग को जमा करेंगे.
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