पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना के मामले की आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण कोर्ट में मौजूद हैं. जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पतंजलि आयुर्वेद ने माफी मांगी थी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से सीधे बात की थी. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि आयुर्वेद के प्रति उत्साह के चलते विज्ञापन किए, कानून की जानकारी नहीं थी.
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के वकील ने सार्वजनिक माफी प्रकाशित करने की बात कही थी. सुप्रीम कोर्ट से मांगी मांगने के बाद पतंजलि ने अखबार में माफीनामा प्रकाशित कर माफी मांगी है. अखबार में सोमवार को माफीनामा का विज्ञापन दिया गया था. इसपर आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपने किस साइज में विज्ञापन दिया है. जस्टिस कोहली ने कहा कि आपने कुछ नहीं किया. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमने एक माफीनामा प्रकाशित किया है. जस्टिस कोहली ने कहा कि एक सप्ताह बाद कल क्यों किया गया. क्या माफी का आकार आपके सभी विज्ञापनों में समान है. रोहतगी ने कहा कि इसकी कीमत दस लाख है.
कोर्ट ने एक हफ्ते का दिया था समय
इससे पहले 16 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई हुई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अपनी गलती सुधारने को कदम उठाएं.
रामदेव ने कहा था कि मेरी मंशा कोर्ट का अनादर करने की नहीं थी. रामदेव ने कहा कि हमने किसी की आलोचना नहीं की. जस्टिस कोहली ने कहा कि हम माफी के बारे में सोचेंगे. अभी हमने माफी नहीं दी है. आप इतने भी नादान नहीं हैं कि आपको कुछ पता ना हो.
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