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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के इस सांसद ने दिया इस्तीफा, पार्टी ने की मनाने की कोशिश

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कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, हालांकि वरिष्ठ नेताओं के संपर्क साधे जाने के बाद उन्होंने संकेत दिया कि वह अपना फैसला बदल सकते हैं। खालिक द्वारा इस्तीफे की घोषणा के कुछ देर बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा उन्हें मनाने उनके आवास पर पहुंचे। असम के बारपेटा से लोकसभा सदस्य खालिक ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे त्यागपत्र में बोरा के अलावा पार्टी महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह पर निशाना साधा था।

उन्होंने यह दावा किया बोरा और जितेंद्र सिंह के रवैये ने राज्य में पार्टी की संभावनाओं को खत्म कर दिया है। खालिक से मुलाकात के बाद बोरा ने कहा कि इस मामले पर कल निर्णय होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वरिष्ठ नेता अपना इस्तीफा वापस ले लें। उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा में हमारे ज्यादा सांसद नहीं हैं। जब राजनीतिक और अन्य कारणों से किसी मौजूदा सांसद को पार्टी का टिकट नहीं दिया जाता है, तो दुखी होना स्वाभाविक है।” बोरा ने दावा किया कि वह पिछले तीन दिनों से खालिक को फोन कर रहे हैं, लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा था, हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं की सांसद से मुलाकात हुई थी।

उनकी शिकायतें दूर करने का आश्वासन दिया
उनका कहना था, ‘‘जब मुझे उनके इस्तीफे के बारे में पता चला, तो मैं उनके घर पहुंचा। उनकी कुछ शिकायतें हैं और मैंने उन्हें दूर करने का आश्वासन दिया है। हम उनके साथ एआईसीसी नेतृत्व से भी मिलेंगे।” असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) ने कहा, “मैंने खालिक से जल्दबाजी में कोई भावनात्मक निर्णय न लेने का आग्रह किया है। एक सांसद के अलावा अन्य भूमिकाएं भी होती हैं। कल तक, हम खालिक और सभी को (उनकी नई भूमिका पर) फैसले के बारे में सूचित करेंगे।”

मैंने इस्तीफा दे दिया है लेकिन…
खालिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने इस्तीफा दे दिया है लेकिन शीर्ष नेतृत्व मेरे संपर्क में है। मैंने विशेष रूप से एपीसीसी अध्यक्ष बोरा और एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) महासचिव जितेंद्र सिंह के बारे में शिकायत की है। मैं सोनिया जी का बहुत सम्मान करता हूं। हम कल पूर्वाह्न 11 बजे तक इंतजार करते हैं।” खालिक ने त्यागपत्र में कहा, ‘‘नेतृत्व की इच्छा के अनुसार मैंने विभिन्न पदों पर संगठन की सेवा की है… मैंने सौंपी गई जिम्मेदारियों पूरे मन से निभाया। मुझे दो बार विधानसभा सदस्य और एक बार लोकसभा सदस्य के रूप में लोगों की सेवा करने का अवसर मिला। उस कांग्रेस पार्टी की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है, जिसके मूल्यों और आदर्शों ने हमारे खूबसूरत राष्ट्र के लिए जीवनरेखा के रूप में काम किया है।”

कांग्रेस ने काटा था टिकट 
खालिक के अनुसार, ‘‘मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों, पार्टी और मेरे साथ खड़े रहने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति असीम आभार और स्नेह प्रकट करता हूं।” उन्होंने दावा किया, ‘‘हाल में असम में पार्टी ने एक अजीब रास्ता अपनाया है जहां जन-केंद्रित मुद्दे पीछे रह गए। लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोगों में स्वतंत्रता, स्वाभिमान और एकता की गहरी भावना होनी चाहिए। लेकिन मुझे लगता है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और एआईसीसी महासचिव एवं प्रभारी द्वारा अपनाए गए रवैये और दृष्टिकोण ने असम में पार्टी की संभावना को खत्म कर दिया है।” हाल ही में कांग्रेस ने खालिक का टिकट काट दिया था। बारपेटा सीट से उनके स्थान पर कांग्रेस ने दीप बायान को उम्मीदवार बनाया है। माना जा रहा है कि परिसीमन के चलते बदले सामाजिक समीकरण के कारण कांग्रेस ने बारपेटा में उम्मीदवार बदला। सूत्रों का कहना है कि खालिक धुबरी से टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने वहां पूर्व मंत्री रकीबुल हुसैन को उम्मीदवार बना दिया।

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