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सागर संसदीय क्षेत्र में विकास की आस अब भी, रोजगार की कमी से नहीं रुक रहा पलायन

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सागर। सागर संसदीय सीट बुंदेलखंड का प्रमुख क्षेत्र है। यहां भाजपा वर्ष 1996 से लगातार जीत दर्ज करती आ रही है। वर्ष 2019 में भाजपा ने यहां से पार्षद रहे राजबहादुर सिंह पर दांव लगाया था और उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रभु सिंह को हरा दिया। सागर में सड़क, पुल-पुलियाओं का निर्माण तो अपेक्षाकृत अधिक हुआ, लेकिन यहां की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी अब भी जस की तस है। रोजगार के लिए उद्योग-धंधों की संख्या काफी कम है। उद्योग के नाम पर अब भी लोग बीना रिफाइनरी पर ही आश्रित हैं। यहां मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले 14 सितंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेट्रोकेमिकल हब का भूमिपूजन किया था। इसमें भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) द्वारा 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है। इससे 15 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और दो लाख व्यक्तियों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलने की आस है। हालांकि यह काम वर्ष 2028 तक होगा। फिलहाल रोजगार की तलाश में पलायन इस क्षेत्र की एक बड़ी समस्या है। युवा अक्सर काम की तलाश में बाहर जाते हैं तो वहीं के होकर रह जाते है। घर पर बूढ़े मां-बाप अकेले रहते हैं। यह एक सामाजिक समस्या भी बनती जा रही है।

भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर की तरह सागर में भी आइटी पार्क बनाए जाने की आवश्यकता है, लेकिन शहर के लोगों के आंदोलन और कई बार मांग पत्र सौंपे जाने के बाद भी सरकार ने आइटी पार्क बनाने पर ध्यान नहीं दिया। सांसद राजबहादुर सिंह ने भी इसके लिए प्रयास नहीं किए।

राजबहादुर सिंह ने आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए बदौना को गोद लिया था। हालांकि इसकी स्थिति अच्छी नहीं है। यहां कई विकास कार्यों का लाभ थोड़ी-बहुत कमियों के चलते ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। गांव में सड़क और पेयजल की समस्या है। गांव में नल-जल योजना के तहत पानी की टंकी व लाइन बिछाई गई थी, लेकिन पहले तो केवल गांव के भीतरी हिस्से वाले लोगों को ही इसका लाभ मिला। यही नहीं, अवैध नल कनेक्शनों की वजह से यह योजना पूरी तरह सफल नहीं हो पाई। गांव में स्वच्छता भवन बना है लेकिन वर्षों बाद भी ताला लगा है। गांव में केवल आठवीं तक स्कूल है, इसका उन्नयन भी नहीं हो पाया।

सांसद ने बदौना गांव को गोद जरूर लिया, लेकिन यहां की स्थिति सामान्य ग्राम पंचायतों की तरह ही है। यदि सांसद चाहते तो इसका कायाकल्प हो सकता था। वे एक-दो बार केवल आवास के लोकार्पण कार्यक्रम पर ही यहां आए।
-रणधीर सिंह ठाकुर, निवासी, बदौना
स्कूल व स्वास्थ्य सुविधा तक को वंचित
जब सांसद ने बदौना पंचायत को गोद लिया था, तब सोचा था कि यहां खेल मैदान बनेगा। हाईस्कूल तक उन्नयन होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पांचवीं के बाद बच्चे पढ़ाई करने तीन किमी दूर जा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर केवल आंगनबाड़ी है, जहां बच्चों को केवल टीके लगते हैं। पंचायत के कागजों में आदर्श बन सकी, हकीकत में नहीं।
– रामकिंकर सिंह, निवासी, बदौना

सांसद निधि का 80 प्रतिशत ही उपयोग

राजबहादुर सिंह ने स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड्स) यानी सांसद निधि का 80 प्रतिशत तक उपयोग किया है। सांसद का दावा है कि इसके अलावा एडीना कालेज रोड से किसान मंडी मार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज बनवाया गया। बीना-खुरई मार्ग पर पुल निर्माण, खुरई में खिमलासा फाटक रेलवे ओवरब्रिज निर्माण, बीना में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण, शमशाबाद विधानसभा के ग्राम आमखेड़ा सूखा में 33 केवी उपकेंद्र की स्थापना करवाई। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से सागर जिले को सात सड़कों की स्वीकृति प्राप्त हुई।

विवादों से दूर रहे

सांसद राजनीतिक कार्यक्रमों में सक्रिय रहते हैं। पांच साल तक वे किसी भी विवाद में नहीं रहे। डा. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया लेकिन उन्होंने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाने के बजाय केवल शांतिपूर्ण विरोध जताया।
पूरे क्षेत्र का विकास हुआ
प्रदेश व केंद्र सरकार की योजनाओं के माध्यम से पूरे लोकसभा क्षेत्र में कई विकास कार्य हुए। सागर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी कई विकास कार्य हुए। सागर रेलवे स्टेशन से लिधौराखुर्द रेलवे स्टेशन पर नवनिर्मित माल गोदाम शुरू हुआ। शताब्दी एक्सप्रेस का बीना में ठहराव शुरू हुआ। बीना व सागर रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत स्टेशन योजना का काम चल रहा है। कोरोना काल से बंद बीना-दमोह के बीच नई पैसेंजर ट्रेन का उद्घाटन हुआ। बीना-कटनी मुड़वारा-बीना मेमू स्पेशल ट्रेन शुरू, बीना-ग्वालियर एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन की अनुमति मिल गई है। राज्यरानी सुपरफास्ट ट्रेन की बहाली सहित बीना-कटनी रेल खंड में तीसरी लाइन का विस्तार हुआ। संसदीय क्षेत्र के महादेवखेड़ी, सेमरखेड़ी, कजिया, करोंदा रेलवे स्टेशन का सुंदरीकरण, बेरखेड़ी से गढ़पहरा फोर लेन ग्रीन फील्ड बायपास का निर्माण, लहदरा नाका से ढाना रिंग रोड की मंजूरी (अवार्ड की घोषणा) सिरोंज विधानसभा में विदिशा मेंहलुआ सेक्शन के तीन जर्जर पुलों का संधारण सहित सैकड़ों कार्य हुए।
– राजबहादुर सिंह, सांसद, सागर

विपक्ष का आरोप, सांसद निष्क्रिय रहे

सांसद राजबहादुर सिंह पांच साल तक निष्क्रिय रहे। वह केवल उन योजनाओं का लाभ दिला पाए जो केंद्र या राज्य स्तर पर बनीं और लागू हुईं। नई ट्रेनें चलने की जगह चलने वाली भी बंद हो गईं। सामान्य डिब्बों की संख्या भी कम हो गई। केंद्रीय विद्यालय का उन्नयन भी नहीं करवा पाए। बीना से राजगढ़-ब्यावरा रेल लाइन प्रस्तावित थी, इस पर काम तो दूर इस पर लोकसभा में मुद्दा तक नहीं उठाया। बीना में ही कई पुल ऐसे हैं जो नौ-नौ साल से स्वीकृत हैं, वे नहीं बन पाए। बीना का रिंग रोड का काम भी नहीं हुआ। रिफाइनरी पर भी नियंत्रण नहीं रहा। इससे स्थानीय लोगों को लाभ नहीं मिल पाया। कोई नई सिंचाई परियोजना भी नहीं बनी।
– प्रभु सिंह, कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी व वरिष्ठ कांग्रेस नेता

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

नाम- राजबहादुर सिंह
पार्टी- भाजपा
वर्ष 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते। वर्ष 2014 में नगर निगम सागर के अध्यक्ष भी चुने गए थे।
संसद में उपस्थिति- 99 प्रतिशत
सवाल पूछे- करीब 400

इन समितियों के सदस्य

केंद्रीय स्थायी समिति, परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति
केंद्रीय सलाहकार समिति, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग
हिंदी सलाहकार समिति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
साधारण सभा, शासकीय इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग महाविद्यालय सागर

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