केंद्र सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) पर बैन लगा दिया है। मोदी सरकार ने यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत की है। संगठन के सदस्यों पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है।
आतंकवादी गतिविधियों का करते हैं समर्थन
एक्स प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ये संगठन और इसके सदस्य जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी गतिविधियों मे शामिल हैं और जम्मू और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और लोगों को भड़काकर वहां इस्लामिक शासन स्थापित करने को समर्थन देने में लिप्त हैं। गृह मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार का संदेश एकदम स्पष्ट है कि देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ कार्य करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के तहत कठोरतम सज़ा दी जाएगी।
मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/ एमएलजेके- एमए संगठन और इसके सदस्य जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी गतिविधियों मे शामिल हैं और जम्मू और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और लोगों को भड़काकर वहां इस्लामिक शासन स्थापित करने को समर्थन देने में लिप्त हैं। इस संगठन के सदस्य लोगों को भड़काकर जम्मू और कश्मीर में इस्लामिक शासन स्थापित करना चाहते हैं, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है। इस संगठन के खिलाफ विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए), 1967, भारतीय दंड संहिता, 1860, आर्म्स एक्ट, 1959 और रनबीर दंड संहिता, 1932 की विभिन्न धाराओं के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत, गृह मंत्रालय द्वारा 2023 में अब तक 4 संगठनों को आतंकी संगठन, 6 व्यक्तियों को आतंकवादी और 2 संगठनों को विधिविरुद्ध संगठन घोषित किया जा चुका है।
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