कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा आचार समिति की रिपोर्ट पर स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र लिखा है। कांग्रेस नेता ने पत्र में “कैश-फॉर-क्वेरी” मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की है। उनका कहना हैकि यह बेहद गंभीर सज़ा है और इसके बहुत व्यापक प्रभाव होंगे। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ आरोपों की जांच करने वाली आचार समिति 4 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में अपनी रिपोर्ट रखेगी।
अधीर रंजन चौधरी ने चार पृष्ठों वाले अपने पत्र में कहा कि विशेषाधिकार समिति और आचार समिति के लिए उल्लेखित भूमिकाओं में कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं है, विशेष रूप से दंडात्मक शक्तियों के प्रयोग के मामलों में। कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके अलावा ‘‘अनैतिक आचरण” की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है और ‘आचार संहिता’ तैयार की जानी बाकी है।
उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है और यह काम अध्यक्ष के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए। चौधरी लोक लेखा समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा व्यक्त किए गए विचार उनके अपने हैं। ‘‘धन लेकर प्रश्न पूछने” के मामले में आचार समिति की रिपोर्ट सोमवार को निचले सदन में पेश की जाएगी। इस रिपोर्ट में मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।
9 नवंबर को पेश की रिपोर्ट
लोकसभा सचिवालय द्वारा प्रसारित एजेंडा पत्रों के मुताबिक, आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर पैनल की पहली रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे। समिति ने 9 नवंबर को एक बैठक में “कैश-फॉर-क्वेरी” आरोप पर मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट अपनाई।
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