Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

मनीष सिसोदिया की जमानत के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट जाएगी AAP, रिव्यू पिटीशन करेगी फाइल

9

आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने की योजना बना रही है। पार्टी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला से संबंधित भ्रष्टाचार एवं मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में सोमवार को सिसोदिया की नियमित जमानत की अपीलें यह कहकर खारिज कर दी कि मामले में अस्थायी तौर पर 338 करोड़ रुपये के हस्तांतरण की पुष्टि हुई है।

पार्टी के एक सूत्र ने कहा, ‘‘ पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने की योजना बना रही है।” जस्टिस संजीव खन्ना एवं जस्टिस एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने कहा कि उसने जांच एजेंसियों के बयान को रिकॉर्ड किया है कि इन मामलों में सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी। पीठ ने कहा कि अगर सुनवाई की कार्यवाही में देरी होती है तो सिसोदिया तीन महीने में इन मामलों में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी से पूछे कड़े सवाल- AAP
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि पार्टी और उसके नेता सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं लेकिन उसके आदेश से सहमत नहीं हैं। आतिशी ने शीर्ष अदालत के आदेश के बाद कहा कि जांच एजेंसियों के खिलाफ तीखी टिप्पणियां करने के बावजूद अदालत ने प्रतिकूल आदेश दिया है। आतिशी ने कहा, ‘‘ जब उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी, तब सुप्रीम कोर्ट ने लगातार प्रवर्तन निदेशालय से कड़े सवाल पूछे जैसे कि धनशोधन कहां है। शीर्ष अदालत ने यह भी बताया कि यह मामला एक सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा के बयान पर आधारित है। इन तीखी टिप्पणियों के बावजूद शीर्ष अदालत ने प्रतिकूल फैसला सुनाया। हम उस आदेश का गहराई से अध्ययन करेंगे और अपने कानूनी विकल्प तलाशेंगे तथा अपना अगला कदम तय करेंगे।”

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.