महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसक रूप धारण कर चुका बै। राज्य में इसे लेकर कई क्षेत्रों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। लोगों ने सोमवार को बीड के माजलगांव में एनसीपी अजीत पवार गुट के विधायक प्रकाश सोलंके के घर और दफ्तर पर पत्थरबाजी की। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने यहां दर्जनों बाइक और कार में भी आग लगा दी।
गलत दिशा की तरफ मुड़ रहा प्रदर्शन
घटना का शिकार होने के बाद प्रकाश सोलंकी ने कहा, ”जब प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ के बाद आग लगाई, तब वह घर के अंदर ही थे। । सौभाग्य से, मेरे परिवार का कोई भी सदस्य या कर्मचारी घायल नहीं हुआ। हम सभी सुरक्षित हैं, लेकिन एक आग के कारण संपत्ति का भारी नुकसान हुआ।” उन्होंने कहा, “मनोज जरांगे पाटिल को देखना चाहिए कि उनके अनशन के बीच प्रदर्शन कहां जा रहे हैं। यह गलत दिशा की तरफ मुड़ रहे हैं।”
इससे पहले कर्नाटक के बंगलूरू में स्थित वीरभद्रनगर में एक बस डिपो को सोमवार दोपहर भीषण आग के हवाले कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, डिपो में खड़ी एक बस ने अचानक आग पकड़ ली। एक-एक कर कुछ और बसें भी आग के हवाले हो गईं। इसके बाद दमकल की कई गाड़ियां मौकें पर आग पर काबू पाने पहुंचीं।
मनोज जरांगे कर रहे आरक्षण की मांग
बता दें कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के जालना जिले में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे का स्वास्थ्य बिगड़ गया, लेकिन उन्होंने जांच करवाने से इनकार कर दिया है। जालना के कार्यवाहक सिविल सर्जन डॉ. प्रताप घोडके ने सोमवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि लंबे समय तक भोजन न करने से उनके आवश्यक अंगों और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। मराठा समुदाय के सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन ने तब जोर पकड़ लिया जब सामाजिक कार्यकर्ता जरांगे प्रदर्शन के दूसरे चरण के तहत जालना में अंतरवाली सराटी गांव में 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए। उनकी अपील पर कई ग्रामीणों ने गांव में राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है।
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