इंदौर। पिछले पांच वर्षों में अन्य क्षेत्रों के मुकाबले उन क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है जहां नई कालोनियां विकसित हुई हैं। कहा जा सकता है कि पुरानी बस्तियों से आम मतदाता का नए इलाकों की ओर पलायन हुआ है। सामने आए आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश के बड़े शहरों में विकसित नई कालोनियों से सर्वाधिक नए मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं।
राऊ और सांवेर दोनों ही विधानसभा सीटें किसी समय शुद्ध ग्रामीण सीटों के रूप में पहचानी जाती थीं लेकिन पिछले पांच वर्ष में सांवेर विधानसभा क्षेत्र में शामिल निपानिया, तलावली चांदा, पिपलिया कुमार, कैलोद हाला, झलारिया जैसे कई गांव अब पूरी तरह से शहर का हिस्सा बन चुके हैं। इन गांवों में तेजी से नई आधुनिक कालोनियां विकसित हुई हैं। लगभग यही हाल राऊ विधानसभा सीट का भी है।
ग्रामीण इलाकों में कालोनियों के विकसित होने से मतदाताओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अन्य शहरों से आकर इंदौर में व्यापार, नौकरी करने वालों का रुझान इन नई विकसित कालोनियों की तरह ज्यादा रहता है। शहर के शोर-शराबे से दूर होने की वजह से भी इन ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में पिछले पांच वर्ष में तेजी से लोग बसे हैं।
इंदौर का हर चौथा मतदाता इन विधानसभा क्षेत्र का
राऊ और सांवेर विधानसभा में मतदाताओं के बढ़ोतरी की गति इंदौर जिले में मतदाताओं की बढ़ोतरी की गति से लगभग दोगुनी है। पांच वर्ष में इंदौर जिले में मतदाताओं की संख्या में 11.38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई लेकिन उक्त दोनों विधानसभा सीटों पर यह बढ़ोतरी लगभग 24 प्रतिशत रही। यानी वर्तमान में इंदौर जिले के हर चौथा मतदाता इन विधानसभा सीट का रहवासी है।
यह है सांवेर और राऊ विधानसभा सीटों की स्थिति
विधानसभा क्षेत्र – वर्ष 2018 में – वर्ष 2023 में – बढ़ोतरी
सांवेर – 246490 – 302389 – 55899
राऊ – 289330 – 355844 – 66514
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