जिले में ऐसी कई लाडली बहनों के नाम से गैस सिलेंडर नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि उन्हें 450 रुपये में गैस सिलेंडर कैसे मिल पाएगा। सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि सिर्फ उन कनेक्शन पर ही सब्सिडी दी जाएगी, जो महिलाओं के नाम हैं। सरकार ने कोई ऐसी गुंजाइश भी नहीं छोड़ी है कि लाड़ली बहना योजना के दायरे में आने वाली हर महिला को सस्ते सिलेंडर का भी लाभ मिल सके।
खाद्य आपूर्ति अधिकारी के मुताबिक नया कनेक्शन लेकर या पुराने में किसी तरह का बदलाव करके इस योजना का लाभ दिए जाने पर साफ रोक लगा दी है। आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिले में लाड़ली बहना योजना के दायरे में आने वाली महिलाओं की कुल संख्या 1 लाख 12 हजार से ज्यादा है। यह सभी सस्ते सिलेंडर के लिए पात्रता रखती हैं, लेकिन इसमें एक शर्त है। योजना में सिर्फ उन महिलाओं को लाभ दिया जाएगा, जिनके नाम पर गैस का कनेक्शन है।
गैस एजेंसियों से मांगी जानकारी
जिला आपूर्ति विभाग के पास यह तो जानकारी है कि जिले की 1 लाख 12 हजार 834 महिलाओं के नाम से गैस कनेक्शन है, जिनमें उज्जवला योजना के दायरे में आने वाली महिलाएं भी शामिल हैं। कितनी लाडली बहनों के नाम से गैस कनेक्शन है, इसकी जानकारी नहीं है। विभागीय अधिकारियों ने जिले की गैस एजेंसियों से इसकी जानकारी मांगी है।
250 से ज्यादा महिलाओं के पंजीयन
450 रुपये में गैस सिलेंडर की योजना का लाभ दिए जाने के लिए जिला आपूर्ति विभाग ने लाडली बहना पोर्टल पर पंजीयन की कार्रवाई शुरू कर दी है। शहरी क्षेत्र में नगर निकाय वार्ड वाइज महिलाओं के रजिस्ट्रेशन सस्ते सिलेंडर योजना के तहत कर रहे हैं। गांवों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से पंजीयन किए जा रहे हैं। पंजीयन के लिए महिलाओं की गैस कनेक्शन डायरी, समग्र आइडी, लाडली बहना योजना का पंजीकृत मोबाइल नंबर की जरूरत है।
5 अक्टूबर तक चलेगा पंजीयन का काम
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुनील शर्मा ने बताया कि अभी तक 250 से ज्यादा महिलाओं के पंजीयन हो चुके हैं। पंजीयन का काम 5 अक्टूबर तक चलेगा।
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