भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को आरोप लगाया कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता तमिलनाडु में एम. के. स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार के ‘गलत कामों’ से ध्यान भटकाने और देश में शांति एवं सौहार्द को नुकसान पहुंचाने के लिए कांग्रेस के ‘समर्थन’ से सनातन धर्म के खिलाफ बोल रहे हैं। तमिलनाडु के लिए भाजपा के सह-प्रभारी पोंगुलेटी सुधाकर रेड्डी ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यों को मिल रही सराहना के मद्देनजर द्रमुक और कांग्रेस भाजपा के खिलाफ एक ‘विमर्श’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा की तमिलनाडु इकाई के उपाध्यक्ष नारायण तिरुपति ने कहा, ‘‘बिना विभाग की जिम्मेदारी वाला एक मंत्री जेल में है और यह द्रमुक के लिए एक बड़ा झटका है। द्रमुक पूरी तरह बेचैन है। यही कारण है कि वे तमिलनाडु में जनता का ध्यान अपने गलत कामों से हटाना चाहते हैं। इसलिए वे सनातन धर्म की बात कर रहे हैं, इस उम्मीद में कि उन्हें अल्पसंख्यकों का वोट मिलेगा।” उन्होंने यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘‘द्रमुक और कांग्रेस सांप्रदायिक पार्टियां हैं जो तमिलनाडु और देश में शांति और (सांप्रदायिक) सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं। हम सांप्रदायिक नहीं हैं। वे सांप्रदायिक हैं।”
द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में दावा किया था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए। सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू वायरस तथा मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उन्हें नष्ट किया जाना चाहिए। द्रमुक के एक अन्य नेता ए. राजा ने सनातन धर्म की तुलना कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से की।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में मंत्री रह चुके राजा ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी नरम है। भाजपा ने ताजा हमला उस दिन किया है जब विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ यानी ‘इंडिया’ की समन्वय समिति सीटों के बंटवारे के फार्मूले पर बातचीत करने और लोकसभा चुनाव से पहले प्रचार अभियान की रणनीति तय करने के लिए बैठक करने वाली है। 14 सदस्यीय समिति की बैठक यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार के आवास पर होगी।
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