प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम छह बजे भाजपा दफ्तर जाएंगे। जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी करीब एक किमी लंबा रोड शो भी करेंगे। भारत में हाल ही में आयोजित G20 के सफल आयोजन के बाद भाजपा कार्यकर्ता प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन करेंगे। बता दें कि भारत में 8 सितंबर से 10 सितंबर के बीच G20 समिट का सफल आयोजन हुआ है। पीएम मोदी ने इस समिट की अध्यक्षता की थी।
केंद्रीय समिति की बैठक में करेंगे शिरकत
वहीं, पीएम मोदी भाजपा केंद्रीय समिति की बैठक में भी हिस्सा लेंगे। दरअसल, मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा मुख्यालय में रणनीति पर चर्चा होनी है। इसके अलावा हारी हुई सीटों पर मंथन होना है। इससे पहले अगस्त में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से तीन महीने पहले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की हारी हुई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान करके सबको चौंका दिया था।
G20 समिट में सर्वसम्मति से पास हुआ नई दिल्ली घोषणापत्र
G20 देशों के ‘नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ में कहा गया है कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है और इसी के मद्देनजर घोषणापत्र में सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान किया गया। घोषणापत्र में कहा गया है कि संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान के साथ-साथ कूटनीति और संवाद भी जरूरी है।
घोषणापत्र में कहा गया है कि यूक्रेन में युद्ध के संबंध में, बाली में हुई चर्चा को याद किया गया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनाए गए प्रस्तावों को दोहराया गया। इसमें इस बात पर भी जोर दिया गया कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सदस्य देशों के बीच सहमति के साथ G20 ने ‘नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ को अपनाया है।
घोषणापत्र में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप, सभी देशों को किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ चेतावनी या बल प्रयोग से बचना चाहिए। इसमें कहा गया, ‘‘परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी देना अस्वीकार्य है।”
घोषणापत्र में इस बात की पुष्टि की गई कि G20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच है और यह G20 भू-राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों का समाधान करने का मंच नहीं है। इसमें कहा गया है कि G20 नेताओं ने स्वीकार किया कि इन मुद्दों के वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण नतीजे हो सकते हैं।
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