संत हिरदाराम नगर,। सिंधी समाज की महिलाओं ने शनिवार को पूर्ण श्रद्धाभाव के साथतीजड़ी पर्व मनाया। करवा चौथ की तरह यह पर्व मनाने की परंपरा समाज में बरसों से चली आ रही है। महिलाओं ने हाथों पर मेहंदी सजाई और सोलह श्रंगार कर पूजा अर्चना की। पति की लंबी आयु की कामना के साथ निर्जला उपवास रखा। अविवाहित युवतियों ने अच्छा वर मिलने की प्रार्थना की।
पूजा-अर्चना कर निभाई परंपरा
सावन माह की समाप्ति और भादो की शुरूआत के बीच तीजड़ी पर्व मनाने की परंपरा सिंध से चली आ रही है। परंपरा के अनुसार महिलाओं ने मेहंदी से सजे हाथों से पूजन किया। प्रमुख ज्योर्तिविद् पं. जयकुमार शर्मा के अनुसार झूला झूलने एवं कुल ब्राह्मण के यहां पूजन की रस्म बरसों पुरानी है। गिदवानी पार्क के निकट पं. शर्मा के दरबार में पूजा-अर्चना का विशेष कार्यक्रम हुआ। परंपरा के अनुसार महिलाएं कुल ब्राह्मण के यहां तीज कथा सुनने पहुंचीं। पं. शर्मा ने पूजन की रस्म अदा कराई। महिलाओं ने झूला झूलने की रस्म पूरी की। ग्रीन एकर्स फेस दो में विधि-विधान के साथ पूजन किया गया। इसमें पूनम आसनानी, तमन्ना भटिजा, रिया शामनानी, मुस्कान भटिजा, वैशाली वाधवानी, हर्षा, निशा मूरजानी, दीप्ति मीरचंदानी एवं रौशनी दामानी आदि शामिल हुई। पं. रौशनी शर्मा ने पूजन कराया।
देर रात चंद्रमा को अर्ध्य दिया
महिलाओं ने देर रात को चंद्रमा को कच्चे दूध का अर्ध्य किया। करवा चौथ की तरह पति के दर्शन करने के बाद उपवास छोड़ा। माना जाता है कि इस दिन किए गए उपवास से पति को दीर्घायु मिलती है। वही अविवाहित युवतियों को अच्छा वर मिलने की आस पूरी होती है। कई महिलाओं ने निर्जला उपवास रखा।
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