इंदौर। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआइ) के एक आदेश ने दाल उद्योग को हैरान-परेशान कर दिया है। दाल मिल संचालकों को आदेश दिया गया है कि वे उसी व्यक्ति या फर्म को दाल बेच सकती हैं जो एफएसएसएआइ लाइसेंसधारी हो। दाल उत्पादक हैरान हैं आखिर वे व्यापार करें या माल बेचने से पहले ग्राहक का लाइसेंस जांचें।
आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में प्रस्ताव पारित कर इस नियम को निरस्त करने की मांग की गई है। चुनावी मौसम में दाल उद्योग मनमाने नियम के खिलाफ मोर्चा खोल सकता है। दो दिन पहले देशभर के दाल उद्योग के पदाधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया गया।
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व्यावहारिक रूप से यह संभव नहीं
इंदौर में हुए वार्षिक सम्मेलन में इंदौर के मिलर अनिल गुप्ता ने इस मुद्दे के उठाते हुए कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने आदेश जारी कर सिर्फ एफएसएसएआइ लाइसेंसधारी को ही दाल बेचने का आदेश दिया है। व्यावहारिक रूप से यह संभव नहीं है। तमाम छोटे किराना दुकानवाले से लेकर थोक ग्राहक भी हैं, जो लाइसेंस नहीं लेते। कानून के नियमों के कारण ही उन पर लाइसेंस की बाध्यता नहीं है। सिर्फ 60 प्रतिशत व्यापारी ऐसे हैं जो लाइसेंसधारी हैं। ऐसे में मनमानी शर्त उद्योगों को व्यापार ही नहीं करने देगी।
व्यापार में ऐसा संभव नहीं है
छोटे व्यापारियों किराना वालों को लाइसेंस से छूट है। शादी या समारोह से लेकर अन्य तमाम रिटेल ग्राहक भी ऐसे होते हैं जो मिलों से इकट्ठी दाल खरीदते हैं। क्या हम उन्हें दाल विक्रय से मना करें या लाइसेंस लेने के लिए कहें। ऐसा व्यापार में संभव नहीं है। इस नियम को वापस लेना चाहिए। केंद्र सरकार तक हम मांग पहुंचा रहे हैं। वर्ना विरोध भी करेंगे। -सुरेश अग्रवाल, अध्यक्ष आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन
यह आदेश होलसेलर और रिटेलर के लिए भी
कुछ दिनों पहले फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया ने आदेश जारी हुआ है। यह सिर्फ दाल मिल संचालकों के लिए नहीं है. होलसेलर और रिटेलर के लिए भी है। -मनोज रघुवंशी, जिला खाद्य अधिकारी
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