राष्ट्रीय राजमार्ग 46 से धरमकुंडी तक बनी चौड़ी सड़क पर पड़ने वाली इस जर्जर पुलिया से भारी रेत-मुरम के डंपर समेत हरदा-इंदौर जाने वाले अनाज से भरे ट्रकों की आवाजाही हो रही है, पुलिया इतनी संकरी है कि चार पहिया वाहन गुजरने पर यहां दूसरी ओर के वाहन चालकों को रूकना पड़ता है। सीसी रोड बनने के बाद अधिकारियों ने यहां चेतावनी बोर्ड और हाइट गेज लगाया था, लेकिन इस बोर्ड को लोगों ने तोड़कर सड़क किनारे रख दिया है, वहीं हाइट गेज भी हटा दिया गया है, यह लापरवाही हादसे की वजह बन सकती है।
बजट नहीं हुआ मंजूर
अधिकारी खुद मानते हैं कि यह पुलिया उम्रदराज हो चुकी है, ऐसे में नए चौड़े पुल की मंजूरी के लिए लोक निर्माण विभाग या शासन की अन्य मद से निर्माण की योजना बनाई गई है, हालांकि बजट मंजूर नहीं हुआ है। लोक निर्माण विभाग द्वारा सीसी रोड का विस्तार तो कर दिया गया, लेकिन सिंचाई विभाग के अधीन इस पुलिया के निर्माण का प्राकलन टेंडर में नहीं था, इस पुलिया का निर्माण सिंचाई विभाग की अनुमति से ही हो सकता है।
मुरम के डंपर भी कर रहे आवाजाही
बाबई खुर्द निवासी युवा संदीप चिमानिया, पुरुषोत्तम पटेल बताते हैं कि आसपास हजारों एकड़ कृषि भूमि दोनों तरफ लगी है, इस वजह से किसानों के ट्रैक्टर ट्राली, हार्वेस्टर समेत अन्य कृषि उपकरण लाने के लिए यह एकमात्र रास्ता है। इटारसी के आसपास की खदानों से निकाली जाने वाली रेत और मुरम के डंपर भी इसी मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं।
किसान बताते हैं कि इस मार्ग के निर्माण के बाद हरदा-इंदौर जाने वाले हैवी ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है, इससे ग्रामीणों को आवाजाही में तकलीफ होती है। इस पुलिया के समानांतर नया चौड़ा पुल बनाना जरूरी है, चूंकि भविष्य में यहां ट्रेफिक का भार बढ़ना ही है।
सड़क निर्माण के बाद हमने नहर पर बनी जर्जर पुलिया पर चेतावनी बोर्ड और हाइट गेट लगाया था, लेकिन कुछ लोगों ने दोनों को हटा दिया है, यह पुलिया उम्रदराज हो चुकी है, 8 टन से ज्यादा भारी वाहन निकालना खतरनाक हो सकता है। नए चौड़े पुल निर्माण के लिए पत्राचार किया जा रहा है, पहले नया पुल बनेगा, इसके बाद जर्जर पुलिया को तोड़ा जा सकेगा, जिससे यातायात बाधित न हो। -वीरेन्द्र कुमार जैन, कार्यपालन यंत्री, तवा परियोजना
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