इन विभागों में नहीं हुए एक भी प्रवेश
बीयू के एमए एक्सटेंशन एजुकेशन एंड सोशल वर्क में चार साल से एक भी आवेदन नहीं आया है। एमए अरेबिक, एमए लिंग्जेस्टिक, एमएससी लिम्नोलाजी, एमएससी बायोलाजी, एमएससी एप्लाइड जियोलाजी, एमए इतिहास में एक भी प्रवेश नहीं हुआ है। वहीं डिप्लोमा में मार्डन अरबिक लैंग्वेज, ईको टूरिज्म, एनिमल रिसोर्स मैनेजमेंट, बायोलाजी, लिम्नोलाजी, बायोसेफ्टी एंड बायोसिक्युरिटी, मेडिकल लैब, प्लांट टिश्यु कल्चर, वर्मी कम्पोस्ट टेक्नोलाजी, मशरूम, रूरल डेवलपमेंट, वेब एंड ग्राफिक्स, मोबाइल एप्प डेवलपमेंट, बिजनेस इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रनिक मीडिया, एनर्जी आडिट मैनेजमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग जैसे पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों का रुझान बिल्कुल नहीं है।
विधि में सबसे ज्यादा प्रवेश
कई पाठ्यक्रमों में ज्यादा विद्यार्थी नहीं होने के बाद बीयू ने सीयूईटी को छोड़ 12वीं और यूजी की मेरिट के आधार पर प्रवेश देना शुरू किया है। बीएलएलएबी और एलएलएम की सीटों पर प्रवेश लेने के लिए 600 आवेदन जमा हुए हैं। बीएएलएलबी में 44 और एलएलएम की 24 सीटों पर प्रवेश हुए हैं।
विवि के कुछ पीजी और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में तीन-चार सालों में कम प्रवेश हुए हैं। सभी विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है।
– आइके मंसूरी, कुलसचिव, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय
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