इंदौर । इंदौर की बदहाल यातायात व्यवस्था को लेकर हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका में नगर निगम चार वर्ष बाद भी जवाब नहीं दे सका। बुधवार को निगम के वकील द्वारा जवाब के लिए एक बार फिर समय मांगने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि आप तुंरत निगमायुक्त को बुलवा लीजिए।
भोजनावकाश के बाद दोबारा सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट ने निगमायुक्त से कहा कि याचिकाओं में निगम का जवाब क्यों नहीं आ रहा है। निगम की आयुक्त अक्षम हैं या निगम के वकील, यह आप खुद तय करें। कोर्ट ने नगर निगम को दो दिन में जवाब देने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।
चार साल से चल रही है याचिका
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका राजलक्ष्मी फाउंडेशन ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से अभिभाषक अजय बागडिया और मनीष गुप्ता पैरवी कर रहे हैं। याचिका में कहा है कि इंदौर में यातायात की स्थिति बहुत खराब है। रात के वक्त शहर के एक भी चौराहे पर यातायात सिग्नल चालू नहीं रहते। सभी चौराहों पर लगे सिग्नल बंद कर दिए जाते हैं। दुर्घटना संभावित क्षेत्र तो चिह्नित कर लिए गए, लेकिन इन चिह्नित स्थानों पर दुर्घटना रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए गए। शाम के समय तो शहर में यातायात की स्थिति अत्यंत खराब हो जाती है।
शासन का पहले ही आ चुका है जवाब
एडवोकेट बागडिया ने बताया कि याचिका में शासन का जवाब पूर्व में ही आ चुका है। इसमें कहा कि चौराहों पर यातायात 24 घंटे चालू रखने की जिम्मेदारी, लेफ्ट टर्न चौड़े करने और अतिक्रमण मुक्त कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। बुधवार दोपहर याचिका में सुनवाई शुरू होने पर कोर्ट ने पूछा कि निगम का जवाब कहां है। इस पर निगम के वकील ने कहा कि अगली सुनवाई पर जवाब प्रस्तुत कर देंगे। कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि आप निगमायुक्त को बुलवा लीजिए।
निगमायुक्त को उपस्थित होना पड़ा
भोजनावकाश के बाद याचिका में दोबारा सुनवाई शुरू हुई। निगमायुक्त हर्षिका सिंह भी कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुईं। कोर्ट ने उनसे कहा कि याचिका चार वर्ष पुरानी है। निगम ने अब तक जवाब तक नहीं दिया। निगम के वकील या निगम की आयुक्त कौन अक्षम हैं आप खुद तय करें। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए दो दिन में जवाब देने के लिए कहा है।
14 अक्टूबर 2019 को दिया था आदेश
बागडिया ने बताया कि कोर्ट ने 14 अक्टूबर 2019 को शासन को आदेश दिया था कि सभी यातायात सिग्नल 24 घंटे चालू रखे जाएं। साथ ही सुबह 8 से 12 और शाम 5 से रात 11 बजे तक शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर कम से कम दो-दो पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाए।
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