इंदौर। न्यायालयों में लोगों को न्याय दिलवाने के लिए खड़े होने वाले वकील खुद अन्याय का शिकार हो रहे हैं। वर्ष 2012 में भोपाल में आयोजित अधिवक्ता परिषद में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मंच से घोषणा की थी कि प्रदेश में शीघ्र ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कर दिया जाएगा। वकील आज भी इस घोषणा के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रदेश में अभिभाषकों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। वकीलों के संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट अतिशीघ्र लागू करना आवश्यक हो गया है। हाल ही में देपालपुर में अधिवक्ता प्रदीप गोस्वामी पर जानलेवा हमला हुआ है। इसके कुछ दिन पहले भी ऐसी ही वारदात इंदौर में हो चुकी है।
सिर्फ मिल रहा आश्वासन
इंदौर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष गोपाल कचोलिया, सचिव घनश्याम गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के वकील वर्ष 2005 से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक इसे लागू नहीं किया गया। मुख्यमंत्री की मंच से की गई घोषणा को भी 11 वर्ष हो चुके हैं। मप्र के पड़ोसी राज्य राजस्थान में हाल ही में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो चुका है। अन्य प्रदेश भी इसे लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में प्रदेश में इसे लागू करने की अत्यंत आवश्यकता है।
नोटरी के एक पद के लिए वकीलों से बुलवाए गए आवेदन
इंदौर। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इंदौर अभिभाषक संघ को एक पत्र प्रेषित कर संघ के माध्यम से इंदौर में नोटरी पद के लिए आवेदन बुलवाए हैं। यह पद एडवोकेट चंद्रसिंह पटेल की मृत्यु के बाद रिक्त हुआ है। नोटरी के पद पर नियुक्ति के इच्छुक अभिभाषक अपने आवेदन दो प्रतियों में दिनांक 21 अगस्त 2023 तक इंदौर अभिभाषक संघ कार्यालय में जमा करवा सकते हैं।
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