ग्वालियर। जब भी कोई ग्रह विशेष अपनी सामान्य दिशा की वजह उल्टी दिशा यानी विपरीत दिशा में चलना शुरू कर देता है, तो ऐसे ग्रह की गति को वक्री कहा जाता है। विपरीत दिशा में चलते समय ग्रह अपनी नियत स्वभाव के अनुसार फल देने की बजाय उससे अलग फल भी देते हैं।
जब भी कोई ग्रह वक्री होता है, तो पृथ्वी के करीब होने की वजह से इसका सीधा प्रभाव देश दुनिया के साथ राशियों पर भी पड़ता है। शुक्र ग्रह वक्री गति में चलते हुए 7 अगस्त को कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं। यहां पर यह 2 अक्टूबर तक रहेंगे। इसी राशि में रहते हुए यह 4 सितंबर 2023 को मार्गी हो जाएंगे।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉ सतीश सोनी के अनुसार 6 जुलाई की सुबह 4:05 पर शुक्र ने सिंह राशि में प्रवेश किया था और 23 जुलाई की सुबह 7:03 पर सूर्य सिंह राशि में वक्री हुए और अब 7 अगस्त की सुबह 10:58 पर शुक्र कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। उसके बाद 4 सितंबर की सुबह 6:00 बजकर 30 मिनट पर शुक्र कर्क राशि में मार्गी होंगे, यानी सीधी गति चलते हुए 1 अक्टूबर की देर रात 1:01 पर दुबारा सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
इन राशियों पर पड़ेगा असर
शुक्र का वक्री होना मंगल के साथ होकर शनि से दृष्ट होना इस बात का संकेत दे रहा है कि देश के कई राज्यों में राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति पैदा होगी। सामाजिक क्षेत्र में लोगों मैं भोग विलास की भावना तीव्र होगी। शुक्र की चाल बदलने से कर्क राशि, सिंह राशि, कन्या राशि, मकर राशि, मीन राशि वालों की सुविधाओं में कमी आ सकती है। मेष राशि, वृषभ राशि, मिथुन राशि, तुला राशि, वृश्चिक राशि और कुंभ राशि के लिए समय अच्छा रहेगा, इन्हें किस्मत का साथ मिलेगा।
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