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इंदौर दुग्ध संघ परिसर में प्रदेश के सबसे बड़े संयंत्र में दिसंबर से बनेगा मिल्क पावडर

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इंदौर। इंदौर दुग्ध संघ द्वारा मांगलिया स्थित परिसर में प्रदेश का सबसे बड़ा 30 एमटीपीडी क्षमता का नवीन दुग्ध चूर्ण (मिल्क पावडर) संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। यह संयंत्र दिसंबर तक शुरू होने की संभावना है। प्रदेश के इस सबसे बड़े संयंत्र में शुक्रवार को सबसे महत्वपूर्ण भाग ड्राइंग चैंबर की स्थापना की गई।

उल्लेखनीय है कि इंदौर दुग्ध संघ द्वारा मिल्क पावडर संयंत्र लगाने के लिए अपने स्तर पर 27 करोड़ रुपये खर्च कर रहा और 50 करोड़ रुपये राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से जीका (जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी) परियोजना से ऋण के रूप में मिल रही है। इंदौर दुग्ध संघ द्वारा वर्ष 1982 से 10 एमटीपीडी क्षमता के दुग्ध चूर्ण संयंत्र द्वारा मिल्क पावडर का उत्पादन किया जा रहा है।

और बेहतर होगी मिल्क पावडर की गुणवत्ता

वर्तमान संयंत्र से एक किलो मिल्क पावडर तैयार करने की लागत 28 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम आती है। वहीं विश्व स्तरीय कंपनी टेट्रापैक के इस नवीन संयंत्र की स्थापना से यह लागत 15 से 18 रुपये प्रति किलोग्राम तक कम हो जाएगी। साथ ही मिल्क पावडर की गुणवत्ता और बेहतर हो जाएगी।

पशुपालकों को भी मिलेगा लाभ

इंदौर दुग्ध संघ के इस संयंत्र में मध्य प्रदेश डेयरी फेडरेशन के अन्य दुग्ध संघों के अतिरिक्त दुग्ध का उपयोग कर मिल्क पावडर तैयार किया जा सकेगा। पशुपालकों को इससे अतिरिक्त लाभ मिलेगा। किसानों से अधिक दूध खरीदा जाएगा, जिससे उन्हें उसका उचित दाम मिल सकेगा। -प्रेमसिंह पटेल, पशुपालन मंत्री

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