यहां की एक अदालत ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को आपराधिक मानहानि मामले में पेश होने के लिए और समय दे दिया। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस. जे. पांचाल की अदालत ने आप नेताओं की छूट की अर्जी खारिज कर दी और मामले में अगली सुनवाई के लिये 11 अगस्त की तारीख तय की।
केजरीवाल और सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री पर उनकी “व्यंग्यात्मक” और “अपमानजनक” टिप्पणियों को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय (जीयू) द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले का सामना कर रहे हैं। अपने वकील के माध्यम से दोनों नेताओं ने अदालत को आश्वासन दिया कि वे सुनवाई की अगली तारीख के दौरान उपस्थित रहेंगे, बशर्ते ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न न हों जो उनके नियंत्रण से परे हों।
उनके वकील ने अदालत को बताया कि अगर उन्हें ऐसी किसी परिस्थिति का सामना करना पड़ता है जो उन्हें उपस्थित होने से रोकती है, तो ऐसे निर्णय हैं जो वकीलों को अनुरोध दर्ज कराने की अनुमति देते हैं। प्रतिवादियों ने विभिन्न आधारों पर छूट की मांग की और कहा कि उन्होंने सत्र अदालत में समन को चुनौती दी है और मामले की सुनवाई पांच अगस्त को होने की संभावना है। जीयू ने छूट के आवेदनों का कड़ा विरोध किया और इसे कार्यवाही में देरी करने की रणनीति बताया। उसने अदालत से उनके खिलाफ वारंट जारी करने की अपील की।
अदालत ने केजरीवाल और सिंह के छूट आवेदनों को स्वीकार करने से इनकार करते हुए दोनों के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय की मांग के अनुसार वारंट जारी करने से भी मना कर दिया। मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में भारी बारिश के बीच दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण वह अदालत में पेश होने में असमर्थ हैं। सिंह ने इस आधार पर छूट मांगी थी कि उन्हें मणिपुर में जातीय हिंसा का मुद्दा उठाने के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है और वह संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने और अपना निलंबन रद्द कराने की कोशिश में व्यस्त है।
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