इजराइल में दिन बा दिन बंधकों को रिहा कराने वाले प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं. जंग 18 महीने बीत जाने के बाद भी इजराइल सभी बंधकों को रिहा करा पाने में नाकाम रहा है और अपने ऑपरेशन के जरिए लगभग 4-6 बंधकों को ही रिहा करा पाया है, बाकि बंधक कूटनीतिक तरीके से रिहा किए गए हैं.
इजराइल ने सीजफायर तोड़ते हुए एक बार फिर गाजा में हमले शुरू कर दिए हैं. जिसके बाद बंधकों के परिवारों में बंधकों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई है और वह इजराइल की सड़कों पर बंधक डील और युद्ध विराम की मांग कर रहे हैं. अब इसमें मोसाद और IDF के पूर्व अधिकारी जुड़ते जा रहे हैं.
इजराइल के सैन्य अधिकारी भी जंग के खिलाफ
पूर्व मोसाद सदस्यों के साथ-साथ पूर्व IDF पैराट्रूपर्स, डॉक्टर और एक विशिष्ट सैन्य कार्यक्रम के स्नातकों ने वायु सेना के दिग्गजों और रिजर्व सैनिकों के साथ एक पत्र लिखा है, जिसमें सरकार से गाजा में हमास की ओर से बंधक बनाए गए लोगों की वापसी को प्राथमिकता देने का आह्वान किया गया है, भले ही इसके लिए युद्ध को खत्म करना पड़े.
रविवार को जारी मोसाद पत्र पर 250 से ज्यादा लोगों ने साइन किए हैं, ये पत्र पूर्व शीर्ष बंधक वार्ताकार डेविड मीदान ने संगठित किया और इसमें सुरक्षा सेवा के पूर्व प्रमुख डैनी याटोम , एफ्राइम हैलेवी और तामिर पार्डो भी शामिल हैं. जिससे पता चलता है कि इजराइल के अंदर ही बंधकों के परिवारों के साथ-साथ आम नागरिक और सैन्य अधिकारी भी जंग के खिलाफ हो गए हैं.
पत्र में क्या लिखा है?
पत्र में कहा गया है कि हमारा मानना है कि लड़ाई जारी रहने से बंधकों और हमारे सैनिकों की जान को खतरा है और इस पीड़ा को खत्म करने वाले समझौते पर जल्द पहुंचना चाहिए. पत्र में लिखा है, “हम सरकार से साहसी निर्णय लेने और देश और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से काम करने का आह्वान करते हैं.”
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