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लालच में JioHotstar जैसा डोमेन खरीदना पड़ सकता है भारी, काटने न पड़ जाएं कोर्ट के चक्कर

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मान लीजिए आपने एक बहुत मशहूर कंपनी, जैसे ‘Apple’ नाम का डोमेन खरीद लिया है. अब आप इस डोमेन को बेचकर मोटी रकम कमा सकते हैं, है ना? लेकिन क्या यह सही है? ऐसा ही कुछ हुआ है एक व्यक्ति के साथ जिसने ‘JioHotstar’ नाम का डोमेन खरीद लिया था. हाल ही में ड्रीमर नामक इस शख्स ने रिलायंस जियोसिनेमा और डिज्नी प्लस हॉटस्टार के संभावित मर्जर को देखते हुए यह डोमेन खरीदा है. उसने सोचा था कि अगर रिलायंस और हॉटस्टार एक साथ आते हैं, तो वो इस डोमेन को बेचकर अच्छा खासा पैसा कमा लेगा. लेकिन क्या यह सही है?

क्या यह कानूनी है?

ऐसा करने को ‘साइबरस्क्वाटिंग’ (Cybersquatting) कहते हैं. यानी किसी और के नाम या ब्रांड का डोमेन खरीदकर उससे पैसे कमाने की कोशिश करना. कई देशों में साइबरस्क्वाटिंग गैरकानूनी है. अगर कोई शख्स डोमेन खरीदकर उसे बेचने की कोशिश करता है, तो यह साइबरस्क्वाटिंग है.

इसका मतलब है किसी डोमेन नाम को एक फेमस ब्रांड या व्यक्ति के नाम से पैसे कमाने के लिए रजिस्टर्ड करना. इसे अक्सर गलत इरादे से किया गया माना जाता है.

अमेरिका: अमेरिका में एक कानून है जिसके तहत अगर कोई ऐसा करता है तो उस पर मुकदमा दायर किया जा सकता है.

भारत: भारत में इसके लिए कानून साफ नहीं है, लेकिन ऐसे कई मामले हुए हैं जहां कंपनियों ने साइबरस्क्वाटिंग करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है.

क्या होगी कानूनी कार्रवाई?

भारत में साइबरस्क्वाटिंग के खिलाफ कोई खास कानून नहीं है. फिर भी भारतीय अदालतें कई मामलों में ट्रेडमार्क के मालिकों के पक्ष में फैसला देती रही हैं. कुछ उदाहरण की बात करें तो एक अन्य व्यक्ति अमित भवानी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर बताया कि उन्हें 2012 में रिलायंस से कानूनी नोटिस मिला था.

उन्होंने reliancejio.com और riljio.com डोमेन खरीदे थे, जबकि तब जियो लॉन्च भी नहीं हुआ था. इसी तरह 2007 में भारती एयरटेल ने bharatiairtel.com डोमेन के लिए एक विदेशी कंपनी मार्केटिंग टोटल के खिलाफ जीत हासिल की थी.

कैम्ब्रिज में पढ़ने के लिए खरीदा डोमेन

डेवलपर ने कहा कि अगर मर्जर होता है, तो वह कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर सकेगा. लेकिन भारत में साइबरस्क्वाटिंग के खिलाफ कानून साफ नहीं हैं. अगर रिलायंस इसे लेकर कानूनी कार्रवाई करती है, तो डेवलपर को परेशानी हो सकती है.

इससे यह साफ है कि ऐसे डोमेन नामों के लिए लालच करना कभी-कभी मुश्किलें पैदा कर सकता है. इसलिए डोमेन खरीदते समय कानूनी पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है.

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