जबलपुर। मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म दो पर मंगलवार की रात लगभग सात बजे ट्रैक्टर चलता देख यात्री हैरान रह गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि जिस प्लेटफार्म पर कल तक यात्री और ट्रेन खड़ी हुआ करती थी, वहां आज टैक्टर दौड़ रहा था।
इसी बीच पटरियों पर ट्रेन की बजाए जेसीबी चल रही थी। हालांकि जेसीबी पटरियों को उखाड़ रही थी, लेकिन ट्रैक्टर प्लेटफार्म पर क्यों आया, यह समझ से परे रहा। इसी दौरान प्लेटफार्म दो से लगे तीन पर ट्रेनों की आवाजाही जारी रही, जिसमें सवाल होने से लिए सैकड़ों यात्री प्लेटफार्म पर खड़े थे।
स्टेशन प्रबंधन से जुड़ा कोई अधिकारी, कर्मचारी मौके पर नहीं था
जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा वाशेबल एप्रन बनाने का काम किया जा रहा है, लेकिन विभाग ने जिस ठेकेदार को इसका काम दिया है, उसने ट्रैक की बजाए प्लेटफार्म पर ट्रैक्टर दौड़ा दिया।
यह बात न तो यात्रियों को समझ आई और न ही रेलवे के अधिकारियों को। हालांकि प्लेटफार्म पर ट्रैक्टर चलता देख इसे रोकने के लिए स्टेशन प्रबंधन से जुड़ा कोई अधिकारी, कर्मचारी मौके पर नहीं था।
यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़
जबलपुर मंडल ने त्यौहार सीजन पर यात्रियों की परेशानी को समझने की बजाए दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों का रद कर बढ़ा दिया है, जिससे हजारों यात्रियों का गंतव्य तक पहुंचने का सफर मुश्किल में पड़ गया है। यहां डेली अपडाउन करने वाले लोग भी रेलवे के इस निर्णय से पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। वे भी अब निजी वाहन या सड़क के रास्ते ड्यूटी जाएंगे।
प्लेटफार्म पर टैक्टर और ट्रैक पर जेसीबी ने मुश्किलें बढ़ा दीं
प्लेटफार्म दो पर वाशेबल एप्रन का काम शुरू हो गया। भीड़-भाड़ से भरे प्लेटफार्म पर टैक्टर और ट्रैक पर जेसीबी ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी। रात के वक्त भारी वाहनों की प्लेटफार्म पर आवाजाही जारी थी। रेलवे के ठेकेदार ने लापरवाही करते हुए ट्रैक्टर को प्लेटफार्म पर चला दिया। इस दौरान यात्रियों को प्लेटफार्म पर आने-जाने में परेशानी हुई।
यात्रियों में बढ़ी रेलवे से नाराजगी
त्यौहार सीजन पर प्लेटफार्म दो बंद करने का यात्रियों ने विरोध किया।जबलपुर से ट्रेन में सतना जा रहे यात्री विजय पटेल ने बताया कि जबलपुर रेल मंडल को त्यौहार के सीजन में ही काम याद आता है। विनोद जायसवाल ने कहा कि रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग को पैसा कराने के लिए इससे अच्छा कोई और दूसरा अवसर नहीं मिला।
जबकि प्लेटफार्म के ट्रैक पर बने वाशेबल एप्रन की गुणवत्ता खराब नहीं थी, फिर भी उसे उखाड़कर करोड़ों खर्च करने के लिए भीड़-भाड़ में काम शुरू कर दिया। इस दौरान कोई दुर्घटना होगी तो इसका जिम्मेदारी कौन होगा।
मुख्य रेलवे स्टेशन के हालात
- ट्रेनें रद होने से यात्री लंबी कतार लगाकर खड़े हैं, लेकिन सही जानकारी नहीं मिल रही।
- यात्रियों का ट्रेन में आरक्षण रद हो गया है, जनरल टिकट लेकर ही यात्रा कर रहे हैं।
- प्लेटफार्म पर आने-जाने वाले यात्रियों की न जांच हो रही है और न ही पूछताछ।
- छोड़ने वालों से पूछताछ तक नहीं पूछी जा रही, संदिग्ध लगेज भी अंदर आ रहा।
- प्लेटफार्म पर वैध और अवैध वेंडर, दोनों घूम रहे हैं, कोई रोकटोक नहीं हो रही।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.