जम्मू-कश्मीर में वक्फ बोर्ड एक्ट में संभावित संशोधनों को केंद्र शासित प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां सही नहीं मान रही हैं. जम्मू-कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई है. पीडीपी नेता का कहना है कि यह मुसलमानों के खिलाफ उठाया गया कदम है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधनों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि क्या संशोधन किए जाने हैं? पहले हमें इन संशोधनों के बारे में पता होना चाहिए, उसके बाद ही हम इस पर बात कर सकते हैं. वहीं, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि शरीयत में किसी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं है.
पीडीपी नेता बशारत बुखारी ने कहा कि उनके हिसाब से यह सही कदम नहीं है. पीडीपी नेता बशारत बुखारी ने साफ तौर पर इस कदम को मुसलमानों के खिलाफ उठाया गया कदम करार दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी संशोधन से पहले कैबिनेट उस पर चर्चा करती है. लेकिन पीएम मोदी की कैबिनेट में कोई मुस्लिम सदस्य नहीं है, यह कदम सही नहीं है.
‘मुसलमान हर नुकसान सह सकता है, लेकिन…’,
अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुताबिक, देश में इस समय अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, खासकर बीजेपी के शासन में. उन्होंने कहा कि इस वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आने वाले समय में यह सरकार अल्पसंख्यक समुदाय की जमीनों पर अपना दावा करना शुरू कर देगी.
उन्होंने कहा कि जब से यह सरकार आई है, तब से तरह-तरह के बहाने और हथकंडे अपनाकर मुसलमानों को अराजकता और डर में रखने के लिए ऐसे नए कानून ला रही है. ऐसा करना शरीयत के मामलों में खुला हस्तक्षेप है. हालांकि सरकार यह अच्छी तरह जानती है कि मुसलमान हर नुकसान सह सकता है, लेकिन अपने शरीयत में किसी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं कर सकता.
वक्फ बोर्ड एक्ट में होगी संशोधन
केंद्र सरकार ने हाल ही में वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन करने की बात कही थी. सरकार वक्फ एक्ट 2013 में संशोधन के साथ संसद में नया वक्फ संशोधन विधेयक 2024 लाने जा रही है. जानकारी के मुताबिक इसमें करीब 40 संशोधन किए जाने हैं. हालांकि ये संशोधन किस तरह के हैं और इसमें क्या बदलाव किए जाने हैं, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है.
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