भोपाल। कोलार थाना इलाके में क्वालिटी होम्स के एक फ्लैट में रहने वाले चित्रकार ने अपने कमरे में फांसी लगा ली। उसके साथ रहने वाली दिव्यांग बहन का शव भी किचन में पड़ा मिला। उसके गले में भी फंदा कसा हुआ था। घटना का पता शनिवार सुबह तब चला, जब उनके पिता सोकर उठे।
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। उसमें लिखा है कि मां की मौत से दुखी हूं। जिंदगी जीने का मन नहीं होता। परेशान हो चुका हूं। अपनी मर्जी से जान दे रहा हूं। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपार्ट मिलने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि दिव्यांग बहन ने भी फांसी लगाई थी या गला घोंटकर उसकी हत्या करने के बाद भाई ने फांसी लगाई थी। उनकी मां की तीन माह पहले मौत हो गई थी।
कोलार थाना पुलिस के मुताबिक क्वालिटी होम्स के तीसरी मंजिल पर बने फ्लैट में रहने वाले 85 वर्षीय महेश मालवीय सरकारी सेवा से सेवानिवृत हैं। उनकी पत्नी की तीन माह पहले मौत हो चुकी है। उनके चार बच्चों में से दो 50 वर्षीय पंकज और 53 वर्षीय सुनीता पिता के साथ रहते थे, जबकि एक बेटा प्रफुल्ल और बेटी शीतल शहर में ही अलग-अलग रहते हैं।
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महेश मालवीय सुबह सोकर उठने के बाद बाथरूम की तरफ जा रहे थे, तभी उन्होंने सुनीता को किचन में पड़े देखा। उसके गले में फंदा कसा हुआ था। वह पंकज के कमरे में पहुंचे, तो वह भी फांसी पर लटका हुआ था। उन्होंने फोन करके बेटे प्रफुल्ल को घटना की जानकारी दी। उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
शव की तलाशी के दौरान पंकज की शर्ट की जेब से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने स्वेच्छा से इस तरह का कदम उठाने की बात लिखी है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि पंकज पेंटिंग बनाने का काम करता था। उसकी शादी हुई थी, लेकिन पत्नी से तलाक हो चुका था। तीन माह पहले मां की मृत्यु होने के बाद पंकज दुखी रहने के साथ अवसाद ग्रस्त हो गया था। उसके ऊपर बचपन से ही पोलियो की शिकार बड़ी बहन की देखरेख की जिम्मेदारी बढ़ गई थी। संभवत: इस वजह से उसने इस तरह का कदम उठा लिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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