ग्वालियर। शहर में कचरा प्रबंधन के कार्य में लगे नगर निगम के वाहनों में दगाबाज ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगा हुआ है। शहर में कचरा ठिए समाप्त करने के लिए लगाए गए सेकंडरी वेस्ट वाहनों में शामिल डंपर डीजल लेकर दिनभर में भले ही केदारपुर स्थित लैंडफिल साइट पर एक बार कचरा लेकर पहुंचें, लेकिन वहां मनमर्जी का एंट्री सिस्टम काम कर रहा है।
लैंडफिल साइट तक एक चक्कर लगाने वाले डंपरों की दो-दो एंट्रियां की जा रही हैं। नईदुनिया ने गत 30 जून को भी इस पूरी गड़बड़ी का राजफाश किया था और गत 28 जुलाई को फिर से निगम के सिस्टम में यह गड़बड़ी पकड़ में आई, लेकिन मामले में लीपापोती कर दी गई। इस मामले में अधिकारियों ने वाट्सएप ग्रुप में एक-दूसरे पर दोषारोपण किया और बाद में गड़बड़ी को पकड़ने के बजाय मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
नगर निगम में डीजल चोरी के लिए लगातार नए-नए फंडे इस्तेमाल किए जा रहे हैं। गत 28 जुलाई रविवार को नगर निगम के डंपर क्रमांक एमपी 07 जीए 3207 की लागबुक में केदारपुर पर दो एंट्री की गईं, जबकि जीपीएस में एक ही ट्रिप नजर आई। केदारपुर पर दूसरी ट्रिप की एंट्री सुबह 11:30 बजे की थी, जबकि जीपीएस रिपोर्ट में सुबह 11:35 बजे डंपर डिपो में खड़ा हुआ नजर आ रहा था।
निगम के कार्यशाला प्रभारी शैलेंद्र सक्सेना ने वाट्सएप ग्रुप में इस गड़बड़ी से जुड़ा मैसेज डाला और लैंडफिल साइट प्रभारी राकेश कश्यप को एंट्री करने वाले आपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा। उधर राकेश कश्यप ने ग्रुप में लिखा कि जरूरी नहीं जीपीएस जो कह रहा है, वह सही हो। ऐसे में कैमरों की रिकार्डिंग से चैक किया जाएगा कि गड़बड़ी है भी या नहीं।
कुल मिलाकर ग्रुप में लिखा-पढ़ी के अलावा इस मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। आफलाइन हैं वाहनों के जीपीएस : कचरा प्रबंधन में लगे नगर निगम के वाहनों के जीपीएस भी वर्तमान में विद्युत वितरण कंपनी की बिजली सप्लाई जैसे हो गए हैं। ये जीपीएस कभी भी बंद और चालू हो जाते हैं। बुधवार को नगर निगम के अधिकतर वाहनों के जीपीएस आफलाइन हो गए। ऐसे में पता ही नहीं चल पाया कि कौन सा वाहन डीजल लेने के बाद कितने किलोमीटर और किस रूट पर चला है। निगम के कंट्रोल रूम द्वारा प्रतिदिन जारी की जाने वाली रिपोर्ट में भी अधिकतर वाहनों के जीपीएस स्टेटस के सामने आफलाइन लिखा आया।
नईदुनिया ने 30 जून के अंक में भी किया था राजफास
सेकंडरी वेस्ट वाहनों के फर्जी चक्करों और केदारपुर में गलत एंट्री का राजफाश “नईदुनिया” ने गत 30 जून के अंक में किया था। 30 जून को च्प्रबंधन का कचरा, अफसर बोले-सब चलता हैज् शीर्षक से प्रकाशित समाचार में बताया गया था कि वार्ड क्रमांक एक, तीन, चार, पांच, छह व 10 में कचरे ठिए समाप्त करने के लिए लगाए गए डंपर क्रमांक एमपी 07 जीए 9610 और एमपी 07 जेडएफ 5488 ट्रिपल आइटीएम स्थित कचरा ट्रांसफर स्टेशन में खड़े रहते हैं और सुबह आठ बजे के बाद में ही कचरा ठियों को हटाने के लिए निकलते हैं, लेकिन इनके नाम पर तानसेन नगर स्थित डिपो पर एक घंटा पहले ही सुबह सात बजे डीजल देना बताया जाता है और आठ बजे केदारपुर में कचरा लेकर आने की फर्जी एंट्री भी कर दी जाती है।
गत 26 जून को डंपर क्रमांक एमपी 07 जीएम 9610 सुबह 8:11 बजे सागरताल रोड आनंद नगर में जब पहला कचरा ठिया उठा रहा था, उससे ठीक आठ मिनट पहले ही केदारपुर में 8:03 बजे डंपर से 12 टन कचरा लाने की एंट्री हो गई। 10 बजे तक यह डंपर वार्डों में कचरा उठा रहा था, लेकिन केदारपुर पर 9:57 बजे दूसरे चक्कर की एंट्री हो गई। इसी दिन तीसरे चक्कर की एंट्री दोपहर 12:08 बजे की हुई। यही स्थिति दूसरे डंपर एमपी 07 जेडएफ 5488 की रही।
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