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ग्‍वालियर किले पर साढ़े तीन किमी का छूटा हिस्सा भी जल्द जगमगाएगा

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ग्वालियर। ग्वालियर दुर्ग पर वर्तमान में 3325 मीटर लंबाई में स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन की फसाड लाइटें रात में जगमगाती हैं। इनसे किला भी जगमगाता हुआ नजर आता है। ये फसाड लाइटें अभी गोपाचल पर्वत और सेवा नगर, प्रेम नगर, लोहामंडी की तरफ रोशनी बिखेरती नजर आती हैं, जबकि सागरताल, विनय नगर और उरवाई गेट का हिस्सा अभी भी इन लाइटों की रोशनी से अछूता है।

इसको देखते हुए बाकी बढ़े साढ़े तीन किमी के दायरे को भी इन आकर्षक लाइटों से जगमग करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पूर्व में स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के माध्यम से एस्टीमेट भी तैयार कराया गया था। दरअसल, पूर्व में स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने गोपाचल पर्वत की ओर किले पर 950 मीटर लंबाई में फसाड लाइटिंग का काम कराया था। इसे लोगों ने खासा पसंद किया और रात के समय इन लाइटों की रोशनी में किला भी जगमगाता नजर आता है।

इसके बाद दूसरे चरण में सेवा नगर, प्रेम नगर, लोहा मंडी और किला गेट की तरफ लगभग पांच करोड़ रुपये की लागत से फसाड लाइटिंग का कार्य कराया गया। इसका पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकार्पण भी किया था। उसी समय उन्होंने घोषणा भी की थी कि बाकी के हिस्से के लिए भी 12 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था कर लाइटिंग कराई जाएगी।

स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने इसका एस्टीमेट बनाया था। इसमें फसाड लाइटिंग के लिए लगभग नौ करोड़ रुपये खर्च होने हैं, लेकिन प्रयास है कि सिर्फ लाइटें ही नहीं, बल्कि यहां प्रोजेक्टर के माध्यम से इमेज इंपोजिंग की जाए। इस इमेज इंपोजिंग के जरिए सिर्फ लाइट ही नहीं, बल्कि ग्वालियर के इतिहास से जुड़ी हस्तियों के चित्र भी देख सकेंगे। प्रोजेक्टरों से ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़े चलचित्र भी दिखाए जा सकेंगे।

सीएसआर के माध्यम से होगा कार्य

पूर्व में स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के बजट से ये कार्य कराने की तैयारी थी, लेकिन कार्पोरेशन के पास वर्तमान में नए कार्यों के लिए बजट की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में इस कार्य के लिए कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से फंड जुटाया जाएगा। किसी बड़ी कंपनी को इस कार्य के लिए राजी किया जाएगा, ताकि वे सीएसआर मद से राशि दे और बाकी हिस्से में भी लाइटिंग का कार्य हो सके।

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