बिहार में बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है और मैंने पार्टी नेतृत्व से भी कहा है कि बिहार में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बननी चाहिए. चुनाव में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ अपने दम पर सत्ता में आए और अपने सहयोगियों को भी आगे ले जाए. पार्टी के संगठन को पार्टी में आयातित माल (बाहरी नेता) हमें कभी बर्दाश्त नहीं है.
भागलपुर में बीजेपी नेता ने कहा, इसके लिए हर कार्यकर्ता को अभी से काम पर लग जाना चाहिए. मैं बिना किसी अपेक्षा के इसे बखूबी निभाऊंगा. मुझे लगता है कि हम नीतीश कुमार को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं और आगे भी बढ़ेंगे. चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा तय होगा. यह फैसला पार्टी और केंद्रीय नेतृत्व यह तय करेगा. अध्यक्ष पद पर निश्चित रूप से संगठन के मूल का व्यक्ति होना चाहिए. यही मेरी मंशा है.
चुनावी राजनीति से दूर रहने का ऐलान
इसके साथ-साथ चौबे ने यह भी कहा कि वो चुनावी राजनीति से दूर रहेंगे. उन्होंने कहा कि मैं अपना समय सामाजिक कार्यों में समर्पित करूंगा और चुनावी राजनीति से दूर रहूंगा. हालांकि, मैं एक बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर सक्रिय राजनीति का हिस्सा रहूंगा. मैं बिना किसी पद पर रहे एक कार्यकर्ता के रूप में संगठन के लिए काम करता रहूंगा. मुझे जीवन में सब कुछ मिला है. कार्यकर्ता के रूप में खासकर बिहार में भागलपुर और बक्सर में जो कि हमारे प्राण हैं, इन क्षेत्रों में मैं लगातार और सक्रिय रूप से काम करते रहूंगा.
बिहार में इस वक्त जेडीयू की अगुवाई वाली सरकार
मौजूदा वक्त में बिहार में एनडीए की सरकार है. जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं जबकि बीजेपी कोटे से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा डिप्टी सीएम हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी से नाता तोड़ते हुए एनडीए में शामिल हो गए थे. पूर्व की सरकार में मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार ही थे जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे. सरकार बदलने के बाद अब आरजेडी और कांग्रेस विपक्षी दलों की भूमिका में हैं.
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