मुरैना। सिहोनियां थाना क्षेत्र के गोपी गांव के पास क्वारी नदी में कार में मिले देवर-भाभी के साढ़े चार महीने पुराने शवाें का मामला उलझता ही जा रहा है। कार की आगे की सीट पर दोनों में एक का भी शव नहीं मिला है। मृतक युवक का माेबाइल और मृतका के आधे से ज्यादा गहने कार में नहीं मिले हैं। उधर पुलिस ने शवों की पहचान के लिए हड्डियाें के डीएनए टेस्ट लिए हैं।
गौरतलब है, कि मंगलवार को गोपी गांव के स्टाप डैम के गेट खोले गए और इसके बाद क्वारी नदी का जलस्तर घटा तो नदी के बीच में एक कार डूबी दिखी।
कार में छत्ते का पुरा निवासी नीरज पुत्र जगदीश सखबार और उससे चचरे भाई की पत्नी मिथलेश पत्नी मुकेश सखबार के शव गले हुए कंकाल जैसी हालत में मिले।
शव इतनी बुरी अवस्था में मिले थे कि उन्हें फावड़े से खींचकर कार से निकाला गया। कार पुलिया से नीचे गिरी है या फिर दोनों ही हत्या करके कार सहित नदी में फेंके गए हैं? इस बात की जांच में पुलिस लगी है।
इस बीच हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि कार की आगे की सीटों पर एक भी शव नहीं मिला है। मिथलेश का शव पीछे की सीट पर गली हुई हालत में मिला है, तो नीरज का शव आगे की सीटों के बीच में फंसा हुआ मिला है।
गौरतलब है, कि प्रेम-प्रसंग में 6 फरवरी को यह दोनों घर से भागे थे और मिथलेश के पति मुकेश ने 14 फरवरी को अंबाह थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी, जिसमें मिथलेश के घर से हजाराें रुपये की नकदी व लाखों के गहने ले जाने की बात लिखी थी।
कार में मृतका के कान का एक बाला व मंगलसूत्र मिला है, इसके अलावा कोई गहना नहीं मिला। मृतक मुकेश का मोबाइल भी कार में नहीं मिला है। यह सब बातें मामले में संदेह बढ़ा रही हैं।
छानबीन से पहले पुलिस यह पुख्ता करना चाहती है कि शव मिथलेश व नीरज के ही हैं। इसके लिए बुधवार को दोनों कंकाल की हड्डियाें से सेंपल लेकर डीएनए जांच के लिए भिजवाए गए हैं।
ग्वालियर मेडिकल कालेज में दोनों कंकालाें की जांच भी मौत के कारण जानने के लिए विशेषज्ञ डाॅक्टरों की टीम कर रही है। इसके अलावा फाेरेंसिक विशेषज्ञों की टीम ने भी घटना स्थल का मौका मुआयना किया गया है।
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