गोरखपुर से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां एक अध्यापक की मृत्यु होने के बाद भी लोकसभा चुनाव में उसकी ड्यूटी लगाई गई. मृत अध्यापक का नाम लिस्ट में भेज दिया गया. इसके बाद चुनाव में होने वाले प्रशिक्षण में जब शिक्षक का नाम अनुपस्थित सूची में आया तो उसके खिलाफ बेसिक शिक्षा अधिकारी ने गोरखपुर के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर दिया.
जब मृत शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की सूचना उनके परिवार वालों को लगी तो वह थाने गए और बीएसए कार्यालय के चक्कर काटने लगे. मृत शिक्षक गोरखपुर के चारगांव के अंतर्गत आने वाली कंपोजिट विद्यालय रेतवाहिया में सहायक पद पर तैनात थे. मृत शिक्षक विजय शंकर लिवर कैंसर से पीड़ित थे और लखनऊ के मेदांता में उनका उपचार चल रहा था.
13 अप्रैल 2024 को हुई थी मौत
गंभीर बीमारी की वजह से 13 अप्रैल 2024 को उनकी मौत हो गई थी. वहीं दूसरी तरफ दोनों आंखों से दिव्यांग की भी ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई. इस मामले के बीएसए रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया की लोकसभा चुनाव में ड्यूटी के लिए NRC पर अपलोड शिक्षकों का नाम उठाया गया है. फरवरी के बाद से उसे अपडेट नहीं किया गया था. ऐसे में अगर मृत शिक्षक और दिव्यांग शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है तो उसे सही करा दिया जाएगा.
दोनों आंखों से दिव्यांग की भी लगी दी ड्यूटी
दिव्यांग प्रवीण कुमार यादव की ड्यूटी भी चुनाव में लगा दी गई थी. जबकि दिव्यांग का दिव्यंगता प्रमाण पत्र विभाग में जमा है. वह दोनों आंखों से दिव्यांग हैं. शिक्षा विभाग के पास इसकी जानकारी होने के बाद भी उनकी ड्यूटी प्रथम मतदान अधिकारी पर लगा दी गई. लेकिन दिव्यांग होने की वजह से वह प्रशिक्षण में नहीं पहुंचे तो शिक्षा विभाग ने उनके खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया. फिलहाल जांच जारी है.
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