Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

पद्मश्री पुरस्कार लौटाएंगे वैद्यराज हेमचंद मांझी, जानें क्यों लिया इतना बड़ा फैसला

8

रायपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में वैद्यराज के नाम से मशहूर चिकित्सक हेमचंद मांझी ने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा देंगे। मांझी ने कहा कि वह जड़ी-बूटियों से इलाज करना भी बंद कर देंगे। मांझी ने फैसला नक्सलियों की धमकी के बाद लिया है। मांझी (72) को पिछले महीने देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री मिला था। पुलिस ने बताया कि रविवार रात नक्सलियों ने जिले के छोटेडोंगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत चमेली और गौरदंड गांवों में दो निर्माणाधीन मोबाइल टावरों में आग लगा दी तथा वहां मांझी को धमकी देने वाले पर्चे फेंके। माओवादी पर्चे में मांझी की एक तस्वीर है जिसमें वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्मश्री पुरस्कार लेते दिख रहे हैं।

माओवादियों ने पर्चों में आरोप लगाया कि मांझी ने नारायणपुर के छोटेडोंगर इलाके में आमदई घाटी लौह अयस्क परियोजना को चालू करने में मदद की थी और इसके लिए उन्हें रिश्वत मिली थी। हालांकि मांझी ने इस आरोप से इनकार किया है। इससे पहले भी नक्सलियों ने मांझी पर यही आरोप लगाए थे और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।

मांझी ने माओवादियों के आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने पहले ही ग्रामीणों को स्पष्ट कर दिया था कि लौह अयस्क खदान से उनका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिवार से चर्चा के बाद पद्मश्री पुरस्कार लौटाने और अपनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति बंद करने का फैसला किया है। मांझी ने कहा, ”माओवादी कहते हैं कि मुझे राष्ट्रपति से पुरस्कार कैसे मिल गया। मैंने पुरस्कार की मांग नहीं की थी। यह मुझे लोगों के प्रति मेरी सेवा के लिए मिला है। मैं 20 साल का भी नहीं था जब से मैं विभिन्न बीमारियों के लिए जड़ी-बूटी दे रहा हूं। खासकर कैंसर के रोगियों के लिए।”

वैद्यराज ने कहा, ”पहले उन्होंने (नक्सलियों ने) झूठे आरोप लगाकर मेरे भतीजे कोमल मांझी की हत्या कर दी। मेरा परिवार खतरे के साये में जी रहा है।” पिछले साल नौ दिसंबर को नारायणपुर जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी दूर स्थित छोटेडोंगर में नक्सलियों ने आमदई घाटी लौह अयस्क खदान के लिए एजेंट के रूप में काम करने और भारी पैसा कमाने का आरोप लगाते हुए मांझी के भतीजे कोमल मांझी की हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस हेमचंद मांझी को नारायणपुर शहर ले आई जहां वह तीन पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में अपने परिवार के साथ किराए के एक मकान में रह रहे हैं। मांझी ने कहा, ”मुझे नारायणपुर में प्रशासन द्वारा एक घर आवंटित किया गया था, लेकिन उसमें कोई चारदीवारी, पानी की सुविधा और अन्य सुविधाएं नहीं थीं, इसलिए मैंने किराए के घर में रहने का फैसला किया। मैं प्रशासन से उचित घर उपलब्ध कराने की अपील करता हूं।”

बता दें कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर जिले में लगभग 50 वर्ष से लोगों का इलाज कर रहे मांझी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री से सम्मानित किया था। क्षेत्र के आमदई घाटी में जायसवाल निको इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जेएनआईएल) को लौह अयस्क खदान आवंटित किया गया है। नक्सली लंबे समय से इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.