जबलपुर। विमानों की कमी से जूझ रहे जबलपुर में छह जून को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। वायु सेवा संघर्ष समिति के तत्वावधान में यह विरोध किया जा रहा है जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। पैसेंजर्स से जबलपुर के हित को लेकर फोन और सोशल मीडिया के माध्यम से समिति के सदस्य संपर्क कर रहे हैं जिसके बाद कई पैसेंजर्स ने छह जून की यात्रा निरस्त की है।
एक जानकारी में वायु सेवा संघर्ष समिति के हिमांशु खरे ने बताया की नो फ्लाइंग डे को लेकर जबलपुर ही नहीं बल्कि देश और विदेश में जबलपुर से जुड़े हुए व्यक्तियों में अच्छा खासा रुझान देखने को मिल रहा है। वे लोग जो कि जबलपुर से कहीं ना कहीं जुड़े हैं, वह अपने-अपने स्तर पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे को जनमानस तक पहुंचाने के लिए विभिन्न कार्य योजना बना रहे हैं। आशय यह है कि 6 जून को कोई भी व्यक्ति ना ही जबलपुर से और ना ही जबलपुर आने के लिए वायु मार्ग का उपयोग करें।
व्ययवास पर पड़ रहे असर पर जताई चिंता
वायु सेवा संघर्ष समिति का यह प्रतिकार विरोध स्वरूप है और समिति की सिर्फ एक ही मांग है कि पूर्व की भांति जबलपुर की वायु सेवाओं को यथावत किया जाए जिसमें जबलपुर से मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई हैदराबाद, पुणे नगरों की वायु सेवाएं सम्मिलित हैं। बैठक में जबलपुर के पर्यटन उद्योग को लेकर विशेष चर्चा की गई जिसमें वायु सेवाओं के प्रभावित होने से शहर के होटल, रेस्टोरेंट, पर्यटन से जुड़े अनेक व्यवसायियों पर जो विपरीत असर पड़ रहा है अथवा पड़ेगा उस पर चिंता व्यक्त की गई।
स्थगित किए कार्यक्रम
बैठक में उपस्थित वायु सेवा संघर्ष समिति के मनु तिवारी एवं अजीत सिंह पवार ने बताया कि नो फ्लाइंग डे को लेकर अनेक यात्रियों ने 6 तारीख की अपनी टिकट को कैंसिल करना आरंभ कर दिया है, साथ ही बहुत से यात्री जो कि उक्त तिथि को यात्रा करना चाह रहे थे उन्होंने अपनी यात्रा के कार्यक्रम को स्थगित किया है।
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