उज्जैन। जयपुर के एक महामंडलेश्वर को आचार्य महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर साढ़े सात लाख रुपये की ठगी करने वाली पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपों के बाद उन्हें निरंजनी अखाड़े से निष्कासित भी कर दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया और उनका अस्पताल में उपचार चल रहा था। वहीं अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
ये है मामला
बता दें कि महंत सुरेश्वरानंद गिरी की शिकायत पर चिमनगंज पुलिस ने मंदाकिनी पुरी और उसके सहयोगी अश्विनी चौधरी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने सुरेश्वरानंद गिरि को महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के लिए साढ़े सात लाख रुपये लिए। महंत को ना तो कोई उपाधि मिली और ना ही राशि अखाड़े के मुख्यालय तक पहुंची थी। महंत ने निरंजनी अखाड़े में पता किया तो वहां से जानकारी लगी कि महामंडलेश्वर बनाने के लिए कोई राशि नहीं ली जाती है, और ना ही महंत के नाम पर कोई निर्णय लिया गया है।
मंदाकिनी ने पिया फिनाइल
प्रकरण दर्ज होने की जानकारी लगने के बाद आरोपी मंदाकिनी ने फिनाइल पी लिया था। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
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