गुना शिवपुरी लोकसभा सीट पर भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह यादव से
गुना संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पराजय का कलंक धोने की तैयारी में हैं। छठवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे सिंधिया वर्ष 2019 में इसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहते हुए पराजित हो गए थे।
इस बार सिंधिया भाजपा प्रत्याशी हैं तो कांग्रेस ने राव यादवेंद्र सिंह यादव पर दांव लगाया है। वे पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्य मुकाबला भी इन दोनों के बीच ही है। हालांकि, चुनावी परिदृश्य में जनता के मुद्दे भले न उठे हों, लेकिन राम, मोदी और जातिगत समीकरण हावी नजर आए।
यूं तो गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर सिंधिया परिवार का ही कब्जा रहा है। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने सिंधिया को हराने वाले डा. केपी यादव का टिकट न देकर सिंधिया पर भरोसा जताया।
इधर सिंधिया इस बार पूरी तरह भगवा रंग में डूबकर चुनाव मैदान में हैं। इस दौरान राम, मोदी और विकास पर खूब बातें हुईं। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस का जातिगत समीकरण पर ज्यादा जोर रहा है। हालांकि, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे भी पार्टी द्वारा उठाए हैं।
मतदान की जानकारी
संसदीय क्षेत्र में कुल मतदान केंद्र : 2756
कुल मतदाता : 18,70,972
प्रत्याशियों की ताकत
ज्योतिरादित्य सिंधिया
सिंधिया को राजनीति विरासत में मिली है। विमान हादसे में अपने पिता माधवराव सिंधिया की मृत्यु के बाद 2002 में गुना संसदीय सीट से पहली उपचुनाव बड़े अंतर से जीते। उसके बाद 2014 तक लगातार इसी सीट से सांसद चुने जाते रहे। लेकिन मोदी लहर में 2019 का चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्होंने प्रदेश की कमल नाथ सरकार गिराकर भाजपा में शामिल हो गए। इस बार भाजपा से 6वीं बार गुना सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
राव यादवेंद्र सिंह यादव
2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस से मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से लड़े, लेकिन उक्त चुनाव हार गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें गुना संसदीय सीट से टिकट दिया, जो उनका पहला लोकसभा चुनाव है। हालांकि, उन्हें राजनीति विरासत में मिली है, क्योंकि पिता देशराज सिंह यादव भाजपा नेता, विधायक रहते हुए सिंधिया के खिलाफ भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके थे।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.