25 हजार करोड़ के बैंक घोटाले केस में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को बड़ी राहत मिली है. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध विंग ने उप मुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी को जिला सहकारी बैंक घोटाले मामले में क्लीन चिट दे दी है. सुनेत्रा पवार को NCP ने बारामती लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है. चुनाव से ठीक पहले मिली क्लीन चिट के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है. इस सीट पर सुनेत्रा पवार का मुकाबला शरद पवार की बेटी और बारामती से MP सुप्रिया सुले से है.
EOW की ओर से दर्ज की गई क्लोजर रिपोर्ट में बताया गया है कि जरांदेश्वर को-ऑपरेटिव शुगर मिल कमॉडिटी से जारांदेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट LTD के किराय पर लिए जाने में कोई भी गैर-कानूनी गतिविधि नहीं की गई है. इसके अलावा अजित पवार के भतीजे को भी EOW कि ओर से क्लीन चिट दे दी गई है. बता दें EOW ने रोहित पवार से जुड़ी कंपनियों को भी क्लीन चीट दी है.
क्या है पूरा मामला?
ये पूरा मामला में प्रदेश में राज्य कि सहकारी चीनी समितियों, कटाई मिलों और दूसरी संस्थाओं के जिला सहकारी बैंकों से पैसे की लेन देन से जुड़ा है. सुनेत्रा पवार और रोहित पवार के खिलाफ दर्ज FIR में दावा किया गया था कि बैंक में गलत तरीके से किए गए लेन देन की वजह से प्रदेश के खजाने को 25,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. इसमें आरोप लगाए गए थे कि चीनी मिलों को बहुत कम रेटों पर लोन देने और डिफॉल्टर बिजनेस की प्रोपर्टी को औने-पौने दामों पर बेचने में बैंकिंग और RBI के नियमों का उल्लंघन किया गया.
क्लोजर रिपोर्ट में क्या कहा?
केस को देख रही EOW ने 2020 में एक क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में जमा की थी, लेकिन बाद में फिर से अजित पवार और भतीजे रोहित पवार की जांच के लिए इस मामले को दोबारा खोलने के लिए EOW ने अदालत का रुख किया था. इसके बाद जनवरी में EOW ने जनवरी में दूसरी रिपोर्ट दायर कर केस को बंद करने की मांग की थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि अजित पवार सहित किसी के खिलाफ आगे जांच के लिए कोई सबूत नहीं मिले हैं.
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