यूपी की गाजीपुर लोकसभा सीट से मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी की उम्मीदवारी खतरे में पड़ सकती है. गैंगस्टर मामले में मिली चार साल की सजा के खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाया खटखटाया था. हालांकि, इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी है. अब मई में सुनवाई होगी. इससे उनकी उम्मीदवारी पर खतरा मंडरा रहा है.
बताते चलें कि बीते साल गैंगस्टर एक्ट के मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया गया था. एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें 4 साल की सजा सुनाई थी. साथ ही 1 लाख का जुर्माना लगाया गया था. बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण के बाद मुख्तार और अफजाल पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज हुआ था. साल 2012 में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट में इसका ट्रायल शुरू हुआ था. कोर्ट के फैसले के बाद अफजाल हाईकोर्ट गए थे.
कौन होगा मुख्तार का सियासी वारिस
जून 2023 में प्रशासन ने अफजाल अंसारी की पत्नी के नाम से जारी इंडियन ऑयल का पेट्रोल पंप गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर लिया था. यह पेट्रोल पंप मोहम्मबाद तहसील के गौसपुर गांव में था. आरोप है कि यह संपत्ति मुख्तार अंसारी द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की गई. बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अफजाल को गाजीपुर से टिकट दिया है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने पारस नाथ राय को उतारा है.
मुख्तार की मौत के बाद अंसारी परिवार के लिए ये चुनाव कई मायनों में बहुत अहम है. सियासी रसूख बचाने के साथ ही मुख्तार की गद्दी को लेकर भी चर्चा हो रही है. उनके दो बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी हैं. अब्बास अंसारी कासगंज जेल में डेढ़ साल से बंद हैं, जबकि उमर अंसारी जमानत पर हैं.
मुख्तार अंसारी के सुपुर्द-ए-खाक के वक्त बेटे उमर अंसारी और भाई अफजाल अंसारी मुख्य भूमिका में नजर आ रहे थे. इतना ही नहीं मुख्तार अंसारी के जनाजे में अंतिम समय अपने पिता के मूंछ को ताव देकर उमर अंसारी ने एक बड़ा संदेश दिया था.
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