देवास : देवास में स्थित प्रसिद्ध माता तुलजा भवानी और माता चामुंडा की टेकरी पर चैत्र नवरात्र वर्ष प्रतिपदा के पहले ही दिन बड़ी संख्या में माता के दर्शनों के लिए भक्त सुबह से ही पहुंचे और माता तुलजा और माता चामुंडा के दर्शन किए। माता तुलजा भवानी और माता चामुंडा का प्रसिद्ध स्थान माता का रक्त पीठ भी कहा जाता है। यहां पर भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं और यह मान्यता है कि मनोकामनाएं मां अवश्य पूरी करती है।
यहां के मुख्य पुजारी के अनुसार आज से घट स्थापना के साथ ही चैत्र नवरात्र का पर्व शुरू हुआ है, और 9 दिनों तक माता की आराधना और उपासना का पर्व चलेगा, जिसके अंतर्गत लाखों की तादात में माता के दर पर भक्त श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। चैत्र और शारदीय नवरात्र में बड़ी संख्या में माता तुलजा भवानी और माता चामुंडा के दरबार में देश प्रदेश से लोग पहुंचते हैं और मां के दर्शनों का लाभ लेते हैं।
मुख्य पुजारी विनय नाथ पुजारी महाराज के अनुसार माता तुलजा भवानी और माता चामुंडा अपने भक्तों की झोली भर देती है। जब माता सती हुई थी तब मान्यता के अनुसार यहां पर माता का रक्त गिरा था जिसकी वजह से यह माता का रक्त पीठ कहलाया। माता तुलजा भवानी और माता चामुंडा के बारे में यह भी मान्यता है कि माता भक्तों की सूनी गोद भी भरती है, जिसके लिए उन्हें पान का बीड़ा भी चढ़ाया जाता है।
यहां पहुंचे श्रद्धालुओं के अनुसार भी माता का यह प्रसिद्ध स्थान है, जहां पर चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान लाखों की तादाद में भक्त श्रद्धालु पहुंचते हैं और मां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है। चैत्र नवरात्र पर्व के दौरान प्रशासन और पुलिस ने भी यहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, विशेष पूजन और अर्चन का दौर भी शुरू हो गया।
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