उज्जैन। सोमवती अमावस्या पर सोमवार को शिप्रा व सोमकुंड में पर्व स्नान होगा। देशभर से श्रद्धालु स्नान, दान, पितृकर्म तथा देवदर्शन के लिए उज्जैन आएंगे। प्रशासन ने शिप्रा व सोमतीर्थ पर स्नान का प्रबंध शुरू कर दिया है। सोमकुंड में शुद्ध जल भरा जा रहा है। स्नान के लिए घाट पर फव्वारे लगाए जाएंगे। शिप्रा में नर्मदा के निर्मल जल से स्नान होगा।
प्रशासन ने आठ दिन पहले ही शिप्रा में नर्मदा का जल प्रवाहित कर दिया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार चैत्र मास की अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या कहा जाता है। इस बार यह अमावस्या सोमवार के दिन आने से भूतड़ी सोमवती अमावस्या कहलाएगी। इस दिन शिप्रा के रामघाट तथा सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान के बाद श्री सोमेश्वर महादेव के दर्शन का विधान है।
मान्यता है सोमवती अमावस्या पर तीर्थ स्नान के बाद भगवान सोमेश्वर महादेव के दर्शन करने से अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है। साथ ही जन्म पत्रिका में मौजूद चंद्रमा के दोष समाप्त होते हैं। नकारात्मक विचार समाप्त होकर शुभता आती है।
52 कुंड में स्नान
भूतड़ी अमावस्या पर प्रेतबाधा से निवृत्ति के लिए केडी पैलेस स्थित शिप्रा के 52 कुंड में स्नान का महत्व है। मान्यता है बावन कुंड में स्नान तथा पूजा पाठ कराने से वायव्य दोष का निवारण होता है। जिन्हें प्रेत बाधा हो, वे इससे मुक्त हो जाते हैं। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोग अपने स्वजन को प्रेतबाधा से मुक्ति दिलाने के लिए यहां स्नान कराने लेकर आते हैं।
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