बिहार के दरभंगा से बीजेपी सांसद गोपालजी ठाकुर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. गोपालजी ठाकुर लोकसभा चुनाव के चलते वोट मांगने संसदीय क्षेत्र पहुंचे थे. इस दौरान वहां मौजूद गांव के लोगों ने उन्हें घेर लिया और एक के बाद एक कई सवाल पूछे. गांव के लोगों का कहना है कि वो इलाके के मतादाता हैं, सवाल पूछना उनका अधिकार है. फिलहाल वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टियों के नेता तमाम जद्दोजहद कर रहे हैं. इसी कड़ी में बीजेपी सांसद गोपालजी ठाकुर वोट मांगने अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे थे. लेकिन यहां जाना सांसद जी को भारी पड़ गया. यहां लोगों ने जमकर उनका विरोध किया और उनका घेराव कर लिया.
नहीं दिया बोलने का मौका
वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि इस दौरान सांसद गोपालजी ठाकुर एक कुर्सी पर बैठे थे. जबकि उनके चारों ओर गांव के लोगों की भीड़ खड़ी है. गांव वालों ने सांसद जी से एक के बाद कई सवाल किए और गोपालजी ठाकुर को बोलने तक का मौका नहीं दिया. वहां मौजूद लोगों ने सांसद जी से उनके पांच साल में किए गए कामों का हिसाब मांगा. लोगों ने कहा कि वो उस इलाके के मतदाता हैं, सवाल पूछना उनका काम है. उनका कहना है कि उन्होंने सांसद गोपालजी को वोट देकर जिताया है और अब उन्हें सांसद जी के द्वारा 5 सालों में किए गए विकास कार्यों का लेखा-जोखा जानना है.
गांव वालों के मुताबिक, जीतने के बाद 5 साल तक गोपालजी न तो इलाके में दिखे न ही पंचायत में विकास के लिए कोई योजना दी. इस दौरान एक युवक ने सांसद गोपालजी से पूछा कि प्रधानमंत्री की वजह से मिथिलांचल के दरभंगा में एक एम्स की घोषणा हुई थी, लेकिन आजतक एम्स का शिलान्यास नहीं हुआ. और तो और अब बिहार में बीजेपी और जदयू की सरकार है. बावजूद उसके भी दरभंगा में एम्स का निर्माण नहीं हुआ है न ही सांसद जी ने इसके लिए कोई ठोस कदम उठाया है.
वायरल वीडियो के मुताबिक, लोगों के सासंद गोपालजी को घेरने के बाद एक बुजुर्ग सांसद जी का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं लोगों का कहना है कि उन्हें सांसद जी से बहुत उम्मीदें हैं लेकिन वह उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहे हैं. इस वीडियो में सांसद गोपाल जी ठाकुर माला पहने कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे थे, कुछ ही देर बाद बुजुर्ग के हस्तक्षेप के कारण उन्हें बाहर लाया गया, जहां सांसद गोपाल जी ठाकुर लोगों को समझाने की कोशिश भी कर रहे थे.
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