ग्वालियर (नप्र)। शहर की सड़कों पर धूल जमा है। यह धूल डिवाइडर से लेकर उन पर खड़े पेड़ पौधों के पत्तों की सांस घोंटने का काम कर रही है। लेकिन नगर निगम इससे बेफिक्र है, क्योंकि सड़क और डिवाइडर पर खड़े पेड़-पौधों पर पानी का छिड़काव करने के लिए करोड़ों खर्च कर जिन आठ फागर मशीनों को खरीदा गया है, उनकी बेकद्री हो रही है। नगर निगम ने फागर मशीनों को सड़क से हटाकर पार्कों में पहुंचा दिया है। जबकि सडक व डिवाइडर पर खड़े पेड़ पौधों पर टैंकर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इससे पानी की बर्बादी भी हो रही है और पेड़ पौधों को लाभ भी नहीं मिल पा रहा है और सड़कें धूल फांक रही है। जिस उद्देश्य से फागर मशीनें खरीदी गई थी उस उद्देश्य को वह पूरा नहीं कर पा रही हैं।
यह था फागर मशीनें खरीदने का उद्देश्य
शहर की सड़क के किनारे व डिवाइडर पर जमा धूल पर पानी का छिड़काव करना। इससे हवा चलने और वाहन के गुजरने पर धूल ना उड़े। इसके साथ ही सड़क किनारे खड़े पेड़ पौधे और डिवाइडर के बीच में खड़े पौधों की पत्तियों पर पानी का छिड़काव करना, जिससे उस पर जमा धूल जमीन पर आ सके। पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया ठीक से कर सकें। इससे पर्यावरण स्वच्छ हो और प्रदूषण पर नियंत्रण लगे।
अब क्या हो रहा है चार मशीनें दीं पार्क विभाग को
नगर निगम के पास आठ मशीनें थीं जिसमें से चार मशीनों पार्क विभाग को दे दी गई हैं। इन मशीनों को पार्क विभाग को देने के पीछे नगर निगम अफसरों का तर्क है कि इससे पार्क में खड़े पेड़ पौधों की पत्तियों पर जमा धूल को छिड़काव कर जमीन पर लाया जा सके। इससे प्रदूषण पर नियंत्रण लगेगा और पार्कों का वातावरण स्वच्छ रहेगा, लेकिन इस उद्देश्य की पूर्ति भी नहीं हो रही है क्योंकि फागर मशीनें पार्कों के अंदर नहीं पहुंच पा रही हैं।
निगम का दावा
चार मशीनों से हो रहा छिड़काव नगर निगम अफसरों का दावा है कि चार मशीनों पार्क विभाग को देने के बाद जो चार मशीनें डिपो में खड़ी है। उन्हें सीएचओ की मांग पर उपलब्ध कराई जाती है जिसकी मदद से अलग अलग क्षेत्रों में फागिंग की जाती है। लेकिन यह मशीनों कब किस क्षेत्र में पानी का छिड़काव करने पहुंची इसके बारे में ठीक से जवाब नहीं दे सके। इससे साफ है कि फागर मशीनों सड़क से ज्यादा कागजों में चल रही हैं।
आवश्यकता के अनुसार चलती हैं मशीनें पार्कों में उपयोग के लिए फागर मशीनें लगाई गई हैं। गर्मी के मौसम में डिवाइडर पर लगे पौधों को टैंकरों से पानी दिया जा रहा है। आवश्यकता के अनुसार फागर मशीनों का उपयोग किया जाता है।
-हर्ष सिंह, आयुक्त नगर निगम
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