ब्रह्मोस, बुलेटप्रूफ जैकेट, लाइटवेट टॉरपीडो…रक्षा क्षेत्र में भारत का डंका, 85 देशों को एक्सपोर्ट कर रहा ये हथियार
रक्षा क्षेत्र में भारत ने रिकॉर्ड बनाया है. साल 2024 में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 21 हजार करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है. डिफेंस एक्सपोर्ट के मामले भारत में इतना बड़ा आंकड़ा पहली बार देखने को मिला है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि चीन से लेकर यूरोप और अमेरिका तक हिल गए हैं. साल 2023-24 की तुलना में इस साल डिफेंस एक्सपोर्ट में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
पिछले कई सालों में मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारत में मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. नतीजा, दुनिया के 80 से अधिक देशों में भारत हथियार, एयरक्राफ्ट और डिफेंस सेक्टर से जुड़े इक्विपमेंट एक्सपोर्ट कर रहा है. आइए इसी बहाने जान लेते हैं कि भारत दुनिया के किन-किन देशों को हथियार और डिफेंस इक्विपमेंट एक्सपोर्ट कर रहा है?
किन देशों को भारत हथियार सप्लाई करता है?
भारत दुनिया के 85 देशों को हथियार और दूसरे इक्विपमेंट सप्लाई कर रहा है. इसमें इटली, मालदीव, रूस, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), फिलीपींस, सऊदी अरब, पोलैंड, इजिप्ट, इजरायल, स्पेन और चिली समेत कई देश हैं.
भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने दिसंबर 2023 में कहा था कि वह स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्यात के लिए छह देशों के साथ बातचीत कर रही है. HAL के मुख्य प्रबंध निदेशक सीबी अनंतकृष्ण ने दिल्ली में एवियोनिक्स एक्सपो के मौके पर कहा था, अर्जेंटीना, फिलीपींस और नाइजीरिया के साथ बातचीत आगे बढ़ी है.
ब्रह्मोस से रॉकेट लॉन्चर तक, 85 देशों को क्या-क्या एक्सपोर्ट कर रहा भारत?
ज्यादातर लोगों को लगता है कि भारत ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से लेकर आर्टिलरी गन समेत कुछ चुनिंदा चीजें दुनियाभर में एक्सपोर्ट कर रहा है. लेकिन ऐसा नहीं है. भारत हथियारों से लेकर डिफेंस इक्विपमेंट तक दुनिया के लिए 85 देशों को दे रहा है. इसमें डॉर्नियर-228 एयरक्राफ्ट, राडार, आर्म्ड व्हीकल्स, रॉकेट, रॉकेट लॉन्चर, लाइटवेट टॉरपीडो, अलार्म मॉनिटरिंग एंड कंट्रोल सिस्टम, फायर कंट्रोल सिस्टम और नाइट विजन मोनोकुलर एंड बाइकुलर शामिल है. इसके अलावा भारत हाई फ्रीक्वेंसी रेडियाे, कोस्टल सर्विलांस रडार समेत कई इक्विपमेंट भी एक्सपोर्ट कर रहा है.
गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि भारत दुनिया के 34 देशों को बुलेट प्रूफ जैकैट सप्लाई कर है. इसमें जापान, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील जैसे देश शामिल हैं. वहीं, UAE, इंडोनेशिया, इजिप्ट और थाइलैंड समेत दुनिया के 10 देश भारत से गोला-बारूद खरीद रहे हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस भारत से डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स खरीद रहे हैं. वहीं मॉरिशस को इंटरसेप्टर बोट एक्सपोर्ट की जा रही हैं.
अब आगे क्या?
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, 6,000 करोड़ रुपए की डिफेंस डील के तहत भारत आर्मेनिया को एंटी-एयर सिस्टम एक्सपोर्ट करने के लिए राजी हुआ है. भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल (एसएएम) का निर्माण करके एशियाई देशों को एक्सपोर्ट करेगी.
रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डिफेंस सेक्टर में निर्यात के जरिए अगले कुछ सालों में 2500 करोड़ रुपए हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया है. वहीं, भारत की डिफेंस फर्म कल्याणी स्ट्रेटेजिक सिस्टम लिमिटेड 2025 तक आर्मेनिया को आर्टिलरी गन सप्लाई करेगी.
भारत कहां तक पहुंचा?
42 फीसदी शेयर के साथ वर्तमान में हथियारों के मामले में अमेरिका दुनिया का टॉप एक्सपोर्टर है. वहीं फ्रांस और रूस 11 फीसदी के आंकड़े के साथ दूसरे पायदान पर है. तीसरे पायदान पर चीन है. इसका आंकड़ा 5.8 फीसदी है. भारत अब डिफेंस एक्सपोर्ट के मामले में इतिहास रचने की तैयारी में है. यही वजह है कि देश में पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में आर्म्स एक्सपोर्ट का दायरा बढ़ रहा है.
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