उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर गजब का ट्विस्ट देखने को मिल रहा है. इस सीट से मौजूदा सांसद एसटी हसन ने नामांकन पत्र भरने के बाद अब अपना पर्चा वापस ले लिया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक सपा ने मुरादाबाद से रुचि वीरा को मैदान में उतारने का फैसला किया है. ऐसी जानकारी भी मिली है कि रुचि वीरा ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. पार्टी की ओर से उन्हें इससे जुड़ा अथॉरिटी लेटर भी दे दिया गया है, जिसे उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर को दे दिया है.
बिजनौर की रहने वाली रुचि वीरा को आजम खान का बेहद करीबी माना जाता है. रुचि वीरा समाजवादी पार्टी की विधायक रह चुकी हैं. बता दें कि अखिलेश यादव ने पहले मुरादाबाद सीट से एसटी हसन को टिकट दिया था और उन्होंने मंगलवार को नामांकन भी भर दिया था लेकिन आजम खान ने उनके टिकट को वापस करवाकर रुचि वीरा को देने की वकालत की थी. बता दें कि एसटी हसन ने पिछली बार मुरादाबाद से जीत हासिल की थी.
आजम खान के दबाव में कटा टिकट
पार्टी सूत्रों के मुताबिक एसटी हसन का टिकट आजम खान के दवाब में कटा है. अखिलेश यादव से जेल में मुलाकात के दौरान आजम खान ने रुचि वीरा को मुरादाबाद से चुनाव मैदान में उतारने की बात कही थी. इस मुलाकात के बाद से ही ऐसे कयास लगाए जाने लगे थे कि मुरादाबाद में उम्मीदवार के नाम में बदलाव हो सकता है. ये खबर फैलते ही मंगलवार देर शाम एसटी हसन के समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया था और सड़क पर उतर आए थे. ऐसी खबर है कि एसटी हसन को रामपुर से चुनाव लड़ने को कहा गया है लेकिन उन्होंने इसके लिए मना कर दिया है.
अखिलेश ने क्यों मानी आजम की बात?
मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन और आजम खान के संबंध कभी भी अच्छे नहीं रहे हैं. दोनों के बीच हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है. इस तरह आजम खान ने एक तीर से दो निशाना साधा है. आसम खान के कहने पर एक तरह एसटी हसन का टिकट कट गया तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने रुचि वीरा को अपनी पसंदीदा सीट भी दिलवा दी. अखिलेश यादव किसी भी सूरत में चुनाव के समय आजम खान को नाराज नहीं करना चाहते हैं. अखिलेश जानते हैं कि अगर मुस्लिम वोट नाराज हुआ तो उनके लिए आगे की राह आसान नहीं होगी. इसी वजह से समाजवादी पार्टी के रामपुर और मुरादाबाद के नेताओं में पिछले काफी समय से घमासान जारी है.
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